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गिरते बाजार में बंद न करें एसआइपी

कोरोना वायरस का प्रभाव घरेलू ही नहीं, बल्कि विश्व की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है. देश-दुनिया के सभी शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है.

वि श्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के वैश्विक असर को देखते हुए महामारी करार दिया है. इससे पूरी दुनिया में खौफ है. इससे सभी तरह की व्यापारिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं जिसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत आ रहे हैं और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. दुनियाभर के शेयर बाजारों में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गयी है. ऐसे में भारतीय शेयर बाजारों में भी गिरावट देखने को रहा है.

सेंसेक्स में पिछले दिनों 25-30 प्रतिशत का करेक्शन देखने को मिला है, वहीं अमेरिका के डाउ जोंस में 40 प्रतिशत तक का करेक्शन दिखा है. भारतीय बाजार अब दो साल पहले वाले स्तर पर आ चुका है. और लगता है कि कोरोना वायरस का असर से होनेवाले व्यवसायिक गतिविधियों को पुन: ठीक होने में तीन से छह महीने का समय और लग सकता है. ऐसे में बाजार में आनेवाले समय में उथल पुथल की संभावना बनी रहेगी.

इससे इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करनेवाले छोटे निवेशकों में बेचैनी बढ़ गयी है. ऐसे माहौल में निगेटिव रिटर्न देखते हुए निवेशक अपने एसआइपी को या तो बंद कर रहे हैं या उसे रिडीम कर खुद को दिलासा देने की कोशिश में लगे हैं. कुछ निवेशक पूरी तरह असमंजस की स्थिति में हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उन्हें क्या करना चाहिए. नये निवेशक भी हैरान है कि ऐसे माहौल में उन्हें नया निवेश शुरू करना चाहिए कि नहीं.

निवेश का है अवसर

बाजार में आयी हुई गिरावट निवेश करने के हिसाब से एक अच्छा समय और एक उपयुक्त मौका माना जाता है. जब बाजार मूल्य कम हो, तो तभी निवेश करने से भविष्य में बेहतर रिटर्न पाने की संभावना अधिक होती है. इसलिए वैसे निवेशक जिनकी एसआइपी चल रही है वे इस समय गलती से भी अपने एसआइपी को बंद न करें. संयम बनायें रखें. लंबे समय के लिए किया जा रहा आपका निवेश आगे चलकर काफी फायदेमंद होगा. इसलिए संयमित होकर लंबे समय के लिए निवेश में बने रहना उनके लिए हितकर होगा.

घबरायें नहीं, संयमित रहें

बाजार के ऐसे माहौल में निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्हें अपने निवेश को बनाये रखना चाहिए. पूर्व में ऐसा देखा गया है जब 2008 में वैश्विक मंदी की वजह से बाजार में जबरदस्त गिरावट आयी थी. जिन निवेशकों ने उस समय संयमित होकर अपने निवेश को बनाये रखा था, उन्हें अगले एक-डेढ़ साल में बहुत अच्छे रिटर्न मिले थे. इसलिए इस गिरावट का भी सदुपयोग निवेश के लिए करना चाहिए. और हर महीने व्यवस्थित व संयमित तरीके से निवेश करते रहना चाहिए.

हर गिरावट पर निवेश देगा फायदा

ऐसे में जब बाजार में हर हफ्ते गिरावट दर्ज की जा रही है, निवेशकों को थोड़ा-थोड़ा पैसा हर गिरावट पर निवेश करते रहना चाहिए. या तो एसआइपी में टॉप-अप निवेश करना चाहिए या फिर एकमुश्त निवेश करना चाहिए. इससे आप हर गिरावट का फायदा उठा सकते हैं. लंबी अवधि के संयमित निवेश से आप बाजार की अनिश्चितता को पीछे छोड़ कर बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकेंगे.

एसआइपी शुरू करने का है मौका

वैसे निवेशक जिन्होंने अभी तक एसआइपी शुरू नहीं किया है, उनके लिए एसआइपी शुरू करने का सबसे अच्छा मौका आया हुआ है. सभी बड़ी और अच्छी कंपनियों के फंड्स का एनएवी घट चुका है. सस्ते दर पर आप अधिक यूनिट्स की खरीद कर सकते हैं. अभी निवेश करके आपके पास अधिक से अधिक यूनिट्स जमा करने का अवसर है. बाद में जब बाजार मूल्य बढ़ जायेगा तो सभी यूनिट्स के मूल्य भी बढ़ जायेंगे. नये निवेशकों के लिए अवसर है निवेश शुरू करने का.

अभी पोर्टफोलियो को करें डाइवर्सिफाइ

पिछले दो सालों से कुछ फंड्स को छोड़ कर अधिकांश में निगेटिव रिटर्न दिखा है. इसलिए गिरावट के इस माहौल में अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइ करने का यह बेहतर अवसर है. अभी आप मिडकैप और स्मॉल कैप में निवेश बढाने का अच्छा मौका है. अगर फंड के चुनाव में दिक्कत आ रही हो, तो अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लेनी चाहिए.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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