Small Cap Mutual Funds: कभी नहीं होगा नुकसान, बाजार के संकेतों को समझ कर ऐसे करें निवेश

Small Cap Mutual Funds: बाजार के हाल के परिणामों ने स्मॉल कैप म्यूचुअफ फंड बाजार में रौनक लौटा दी है. बीते एक साल में स्मॉल कैप कैटेगरी की टाॅप स्कीम ने 60 फीसदी रिटर्न दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 8, 2020 10:41 AM
an image

Small Cap Mutual Funds: बाजार के हाल के परिणामों ने स्मॉल कैप म्यूचुअफ फंड बाजार में रौनक लौटा दी है. बीते एक साल में स्मॉल कैप कैटेगरी की टाॅप स्कीम ने 60 फीसदी रिटर्न दिया है. एसबीआइ स्मॉल कैप फंड ने लंबी अवधि में इक्विटी स्माॅल कैप सेगमेंट में शानदार रिटर्न दिया है. पिछले 10 वर्षों में एसबीआइ स्मॉलकैप फंड का एसआइपी रिटर्न 19 फीसदी और एकमुश्त रिटर्न 17.7 फीसदी तक रहा. यानी इस दौरान निवेशकों का एकमुश्त निवेश 5 गुना तक हो गया.

दूसरी ओर यूटीआइ म्यूचुअल फंड स्मॉल कैप फंड का नया ऑफर लॉन्च करने जा रही है, जो कि सब्सक्रिप्शन के लिए 16 दिसंबर तक खुला रहेगा. 23 दिसंबर को यह योजना रेगुलर तरीके से सब्सक्रिप्शन और रिडेम्पशन के लिए फिर से खुल जायेगी. इस स्कीम से जुड़ने के लिए न्यूनतम शुरुआती निवेश 5000 रुपये और अतिरिक्त खरीद 1000 रुपये की हो सकती है. फंड मैनेजर मानते हैं कि आनेवाले समय में स्मॉल कैप सेगमेंट बेहतरीन परफॉर्मेंस के साथ निवेशकों को अच्छा रिटर्न देगा.

इस वर्ष अच्छा रहा प्रदर्शन : वर्ष 2020 की बात करें, तो स्मॉल कैप श्रेणी में सबसे अच्छे रिटर्न देनेवाले फंड ने एक साल में 60 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. एसएंडपी बीएसइ स्मॉल कैप इंडेक्स ने एक साल में 25.6 फीसदी रिटर्न दिया है. क्वांटास स्मॉलकैप फंड ने सालाना हिसाब से पिछले एक साल में लगभग 61 फीसदी, बीओआइ एक्सा स्मॉल कैप फंड ने सालाना 49.47 फीसदी और कैनरा रोबेको स्मॉल कैप फंड ने 36.73 फीसदी का रिटर्न दिया है.

ऐसे शुरू करें निवेश : फंड मैनेजर एसआइपी के जरिये स्मॉल कैप में निवेश की सलाह देते हैं. इनके मुताबिक कुछ स्टॉक आकर्षक मूल्यांकन पर हैं. इसलिए स्मॉल कैप के हिसाब से इक्विटी बाजार अभी निवेश करने के लिए मुफीद है. आप अगर म्यूचुअल फंड के माध्यम से एसआइपी का विकल्प चुनते हैं, तो आप निवेश का जोखिम थोड़ा कम कर सकते हैं.

बाजार के संकेतों को समझ कर करें निवेश : भारत में हाल के दिनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) के प्रवाह में बहुत अधिक स्थिरता देखी गयी है. बीते नवंबर में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) का रिकॉर्ड 65,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश रहा है. एमएससीआइ द्वारा वैश्विक उभरते बाजार सूचकांक में भारत में 8.1 प्रतिशत से 8.7 प्रतिशत की वृद्धि का देखा जाना इसकी प्रमुख वजह है. इसके बाद से मिड और स्मॉल कैप शेयरों की खरीददारी में तेजी आयी है.

निफ्टी के मिड और स्मॉल कैप सूचकांकों में पिछले हफ्ते की तेज बढ़त बता रही है कि छोटी कंपनियां लॉकडाउन के बाद अच्छी वापसी कर सकती हैं. 2020-21 की दूसरी तिमाही में ज्यादातर कंपनियों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है. तीसरी तिमाही में भी इसके ऐसा ही रहने के आसार हैं. अधिक लिक्विडिटी और कम ब्याज दरें स्मॉल कैप के लिए अच्छी होती हैं. अगर तीसरी तिमाही के आंकड़े भी अच्छे रहे, तो स्मॉलकैप फंडों में अधिक निवेश होगा. हालांकि, निवेशकों को अभी थोड़ा रुक कर और बाजार के संकेतों को देखने-समझने के बाद निवेश करना चाहिए.

क्या है स्मॉल कैप फंड : सेबी ने कैपिटल मार्केट के आधार पर फंड्स को वर्गीकृत किया है. मार्केट कैप में 251वीं रैंक से शुरू होनेवाली कंपनियां स्मॉल कैप में आती हैं. ऐसी कंपनियां, जिनका मार्केट कैप 500 करोड़ से कम होता है, वे स्मॉल कैप कंपनियां होती हैं. स्मॉल कैप कंपनियों का मार्केट कैप कम होता है, लेकिन इनसे कंपनियों के कारोबार में तेज वृद्धि की उम्मीद रहती है.

क्या ये है बेहतर समय : जानकारों का कहना है कि हालिया नतीजों को देखकर निवेशकों को ज्यादा उत्साहित होकर स्मॉल कैप फंड की गाड़ी में आंख मूंदकर सवार नहीं हो जाना चाहिए. भविष्य में भी इतना ही अच्छा रिटर्न मिले यह जरूरी नहीं. उनके मुताबिक यह चक्रीय उछाल है. यानी यह बाउंस बैक इफेक्ट के समान है. कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि अभी कुछ समय तक यह उछाल बनी रहेगी.

लगता है कैपिटल गेन टैक्स : स्मॉल कैप इक्विटी फंड को रिडीम करते वक्त कमाये गये लाभ पर टैक्स लगता है. एक साल के होल्डिंग पीरियड पर हुए कैपिटल गेन को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है और उन पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. एक साल से ज्यादा होल्डिंग की अवधि में हुए लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है और एक लाख से ज्यादा की राशि पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.

ये हैं बेस्ट स्मॉल कैप फंड्स : वैल्यू रिसर्च द्वारा 24 नवंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक सबसे अच्छे स्मॉल कैप फंडों की सूची में एक्सिस स्मॉल कैप फंड, एसबीआइ स्मॉल कैप फंड, निप्पन इंडिया स्मॉल कैप फंड, एचडीएफसी स्मॉल कैप फंड, आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल स्मॉल कैप फंड, डीएसपी स्मॉल कैप फंड, एलएंडटी इमर्जिंग बिजनेस फंड, फ्रैंकलिन स्मॉलर कंपनीज फंड शामिल हैं.

निवेश से पहले जान लें जोखिम के बारे में : स्मॉल कैप फंड निवेश के दूसरे विकल्पों की तुलना में ज्यादा रिटर्न देेते हैं, लेकिन हाइ रिस्क मार्केट कैटेगरी में आते हैं. स्मॉल कैप फंड का लिक्विडिटी जोखिम मिड कैप और लार्ज कैप फंड की तुलना में ज्यादा होता है और आर्थिक संकटों के दौर में लार्ज कैप और मिड कैप कंपनियों की तुलना में इनके प्रभावित होने का खतरा ज्यादा होता है. निवेशक को इन फंडों में निवेश करने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए.

Also Read: Aadhar Card : बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए साथ रखें ये डॉक्यूमेंट, जानिये आधार बनवाने की पूरी प्रक्रिया

निवेशक को फंडों का पिछले कुछ सालों के प्रदर्शन की जांच करनी चाहिए और ऐसे फंडों में निवेश करना चाहिए जिन्होंने स्मॉल कैप बेंचमार्क और दूसरे स्मॉल कैप फंडों से बेहतर प्रदर्शन किया है. ऐसा करने से निवेशक का जोखिम कम होगा.

जोखिम लेने के लिए तैयार निवेशक को ही इस फंड में निवेश करना चाहिए. निवेशकों को यह सलाह दी जाती है कि वे अपने पोर्टफोलियो का एक छोटा-सा हिस्सा ही इस फंड में लगायें, वह भी लॉन्ग टर्म के हिसाब से.

जानकारों का कहना है कि निवेशक को आर्थिक चक्र का फायदा उठाने के लिए स्मॉल कैप फंड में कम से कम 7 वर्षों के लिए निवेश करना चाहिए. ऐसे निवेशक, जो 7 से 10 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं और जोखिम उठाकर अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं, उनके लिए स्मॉल कैप फंड अच्छा विकल्प हैं.

इसमें एसआइपी के जरिये निवेश कर सकते हैं. आप नये निवेशक हैं, तो आपको किसी फंड मैनेजर की सलाह लेकर ही इसमें निवेश करना चाहिए.

Also Read: सोनिया गांधी नहीं मनाएंगी अपना जन्मदिन, किसान आंदोलन और कोरोना महामारी को देखते हुए लिया फैसला

Posted by : Pritish Sahay

Exit mobile version