इस बार के बजट से आम लोगों को कई सारी उम्मीदें हैं. सबसे बड़ी उम्मीद जुड़ी होती टैक्स स्लैब को लेकर 5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. अगर आय में इससे ज्यादा बढ़ोतरी होती है तो उसे टैक्स देना पड़ता है.
अगर आय 5 लाख रुपये से 200 रुपये अधिक हो, 13,000 रुपये का टैक्स देना पड़ता है. इस बार एक्सपर्ट यह उम्मीद कर रेह हैं कि आगामी बजट 2022 में एक ऐसा प्रावधान होना चाहिए जिसके माध्यम से करदाताओं की आय 5 लाख रुपये से थोड़ी अधिक होने पर किसी भी कर का भुगतान ना करना पड़ा.
एक्सपर्ट यह उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस बार बजट से पहले कई तरह की राय और एक्सपर्ट से चर्चा में इसका ध्यान रखेगी और इस तरह की समस्याओं पर बेहतर फैसला लेगी. व्यक्ति का कर बिल उसकी आय की निर्धारित सीमा से अधिक तेजी से न बढ़े इस तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए.
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने भी सरकार को मामूली राहत प्रदान करने का सुझाव दिया है यदि व्यक्तिगत करदाताओं की कुल आय रुपये को पार कर जाती है. एक छोटे से अंतर से 5 लाख की सीमा.
“छोटे करदाताओं के लिए कठिनाई को कम करने के लिए, यह अनुशंसा की जाती है कि छोटे करदाताओं के लिए सीमांत राहत की अवधारणा पेश की जानी चाहिए. सरकार इस दिशा में बेहतर काम कर सकती है जिससे छोटे करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी
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