स्माइल पोर्टल के जरिए ट्रांसजेंडरों के जीवन में खुशहाली लाएगा UNDP

Transgender Development: यूएनडीपी के कार्यक्रम विश्लेषक चिरंजीवी के अनुसार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 2020 में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण के लिए राष्ट्रीय पोर्टल स्माइल को लॉन्च किया था. यह पोर्टल ट्रांसजेंडर सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड जारी करने की सुविधा देने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच प्रदान करता है.

By KumarVishwat Sen | June 17, 2024 5:06 PM
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Transgender Development: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) केंद्र सरकार के राष्ट्रीय पोर्टल स्माइल भारत के ट्रांसजेंडरों के जीवन में खुशहाली लाएगा. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने कोरोना महामारी के दौरान ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के संरक्षण के लिए इस पोर्टल की शुरुआत की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ट्रांसजेंडरों के अधिकार का संरक्षण करने और उनके जीवन को खुशहाल बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है. अब यूएनडीपी के सहयोग से इस पहल को गति प्रदान की जाएगी. इस पोर्टल का उद्देश्य ट्रांसजेंडरों की पहचान कर उन्हें सुविधाएं देने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करना है. इसके लिए यूएनडीपी कई राज्यों में अलग-अलग स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है.

पोर्टल पर 2023 तक 19,000 आवेदन प्राप्त

यूएनडीपी के कार्यक्रम विश्लेषक चिरंजीवी के अनुसार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 2020 में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 के तहत राष्ट्रीय पोर्टल स्माइल को लॉन्च किया था. यह पोर्टल ट्रांसजेंडर सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड जारी करने की सुविधा देने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच प्रदान करता है. अक्टूबर 2023 तक पोर्टल को ट्रांसजेंडरों की कुल 4,00,000 आबादी में से केवल 19,000 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें करीब 15,000 ट्रांसजेंडर और आईडी कार्ड जारी किए गए थे. स्माइल पोर्टल प्राप्त किए गए आवेदन ट्रांसजेंडर समुदाय के लगभग 4 फीसदी की कम कवरेज दर को दर्शाता है

बिहार की जातिगत जनगणना से जगी उम्मीद

यूएनडीपी भारत के स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण में कार्यक्रम विश्लेषक चिरंजीवी ने कहा कि जिस प्रकार से बिहार सरकार की ओर से कुछ समय पहले जातिगत जनगणना हुई है, वह उम्मीद जगाने वाली है. आंकड़ों के आधार पर समाज और समुदाय विशेष की समस्याओं के समाधान के लिए काम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडरों की बेहतरी के लिए बिहार में दोस्ताना सफर बेहतर काम कर रहा है. फिलहाल जो समस्याएं सामने आ रही है, उसके लिए सबसे पहले जागरूकता लाने की जरूरत है. अभी तक जागरूकता का अभाव है. इसमें स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ ही राज्य सरकार और केंद्र सरकार का बेहतर सहयोग चाहिए. उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय इसे लेकर काम कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर विशेष कार्ययोजना बनाई गई है.

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ट्रांसजेंडरों में जागरूकता का अभाव

यूएनडीपी के कार्यक्रम विश्लेषक चिरंजीवी ने कहा कि हाल ही में पटना में दोस्ताना सफर के साथ एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बिहार में करीब 83 हजार ट्रांसजेंडर हैं, लेकिन नेशनल पोर्टल पर केवल 300 ट्रांसजेंडरों ने रजिस्ट्रेशन कराया. इसके पीछे बिहार के ट्रांसजेंडरों में जागरूकता का अभाव है. यूएनडीपी भारत की स्थानीय प्रतिनिधि इसाबेल त्सचान ने हाल ही में बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने, स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन में सुधार जैसे क्षेत्रों में सहयोग जारी रखने पर चर्चा की. ट्रांसजेंडर यानी किन्नर समुदाय, जो समाज में हाशिये पर है, उसे मुख्यधारा में लाने की बात कर ही है.

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