Sovereign Gold Bond Scheme: अगर आप अपने इन्वेस्टमेंट प्रोफाइल में गोल्ट को जोड़ने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए केंद्र सरकार के द्वारा एक बेहतरीन मौका लेकर आ रही है. वित्त मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में साफ किया है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023-24 की तीसरी और चौथी किस्त दिसंबर और फरवरी में जारी होने वाला है. इसके तीसरी किस्त में आप 18 दिसंबर से 22 दिसंबर 2023 से निवेश कर सकते हैं. जबकि, योजना के चौथी सीरीज में 12 फरवरी से 16 फरवरी, 2024 के बीच में निवेश की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. हालांकि, सरकार के द्वारा इसके इश्यू प्राइस के बारे में जानकारी नहीं दी गयी है. इश्यू प्राइस IBJA के आखिरी तीन दिन के सोने के औसत दाम के हिसाब से ही तय किया जाएगा. बता दें कि सितंबर में दूसरे चरण के निवेश के लिए इश्यू प्राइस 5,923 रुपये प्रति ग्राम का निर्गम मूल्य तय किया गया है. निर्गम को 11 से 15 सितंबर के बीच में खोला गया था. जबकि, पहली श्रृंखला को 19-23 जून के बीच खोला गया था. गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता अवधि आठ साल की होगी लेकिन पांच साल पूरा होने पर इससे निकलने का विकल्प होगा. इस योजना के तहत न्यूनतम एक ग्राम सोने में निवेश किया जा सकता है जबकि अधिकतम सीमा चार किलोग्राम तक की है.
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2015 में सबसे पहले आया था बॉन्ड
भारत के शीर्ष बैंक ने अपने बयान में बताया है कि परंपरागत सोने की मांग कम करने और घरेलू बचत के एक हिस्से के तौर पर स्वर्ण बॉन्ड की बिक्री सबसे पहले नवंबर, 2015 में शुरू की गई थी. इस बॉन्ड को एक ग्राम की बुनियादी इकाई के गुणकों में अंकित किया जाता है. स्वर्ण बॉन्ड की परिपक्वता अवधि आठ साल की होगी लेकिन पांच साल पूरा होने पर इससे निकलने का विकल्प होगा. इस योजना के तहत न्यूनतम एक ग्राम सोने में निवेश किया जा सकता है जबकि अधिकतम सीमा चार किलोग्राम तक की है. केंद्र सरकार के द्वारा ऑनलाइन खरीद को बढ़ावा देने के लिए 50 रुपये की छूट भी दी जाती है.
कहां से कर सकते हैं खरीदारी
रिजर्व बैंक के द्वारा जो गोल्ड बेचा जा रहा है उसे आप स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), पोस्ट ऑफिस और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (Stock Exchanges), NSE और BSE के माध्मय से खरीद सकते हैं. इसके साथ ही, आप चाहें तो अपने डीमैट खाते के माध्मय से इसमें निवेश कर सकते हैं. इसमें कोई भी भारतीय निवासी, अविभाजित हिंदू परिवार (HUF), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाएं निवेश कर सकते हैं. बैंक के द्वारा इसमें खरीद पर कुछ चेक्स लगाए गए हैं. जैसे एक व्यक्ति को एक साल में अधिकतम 4 किलो सोना खरीदने की अनुमति है. वहीं, ट्रस्ट और संस्थाएं एक साल में 20 किलो सोना खरीद सकते हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्या है
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) द्वारा जारी किए गए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक विशेष प्रकार की वित्तीय सुरक्षा है जिसे भारतीय सरकार के लिए वित्तीय संसाधनों को जुटाने के उद्देश्य से जारी किया गया है. यह बॉन्ड एक निशित अवधि और निशित ब्याज दर पर होता है, जिसका मतलब है कि निवेशकों को नियमित अंतरालों पर ब्याज के रूप में आय दी जाती है और मूल राशि को समयानुसार वापस कर दिया जाता है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भारतीय सरकार के लिए एक उपयोगी वित्तीय स्रोत प्रदान करते हैं और उनके लिए एक स्थिर और सुरक्षित निवेश का अवसर प्रदान करते हैं. यह निवेशकों को गोल्ड की तरह की वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, जिसका मतलब होता है कि वे सरकार को पूंजी प्रदान करते हैं और उसके खिलाफ इंवेस्टमेंट करके ब्याज कमा सकते हैं. सरकारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भारतीय सरकार के आर्थिक योजनाओं और प्रोजेक्ट्स को वित्तपोषित करने में मदद करते हैं और विभिन्न वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करते हैं. कृपया ध्यान दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के विवादित और प्राथमिक विवरण समय के साथ बदल सकते हैं, इसलिए आपको विवरण की जांच करने और सबसे नवाचित जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता हो सकती है.
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