SpiceJet की कम हो सकती है परेशानी, बकाया निपटाने के लिए एक्सपोर्ट डेवलपमेंट कनाडा के साथ किया समझौता

SpiceJet: स्पाइसजेट ने साल 2011 में पंद्रह विमानों की खरीद के लिए कर्ज लिया था. इसमामले में कंपनी को कर्ज चुकाने में बड़ी राहत मिली है. कंपनी करीब 9.01 करोड़ डॉलर की बकाया देनदारियों के निपटान के लिए एक व्यापक निपटान राशि का भुगतान करेगी. इस समझौते से स्पाइसजेट को 6.83 करोड़ डॉलर की बचत होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2024 4:08 PM
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SpiceJet: सस्ती विमान सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनी स्पाइसजेट की परेशानी कम हो सकती है. बताया जा रहा है कि एयरलाइन कंपनी ने 9.01 करोड़ डॉलर यानी 755 करोड़ रुपये की देनदारी के निपटान के लिए एक्सपोर्ट डेवलपमेंट कनाडा (ईडीसी) के साथ समझौता किया है. एयरलाइन ने 2011 में 15 विमानों की खरीद के लिए कर्ज लिया था. यह बकाया उसी से जुड़ा है. स्पाइसजेट ने मंगलवार को बयान में कहा कि समझौते की शर्तें एयरलाइन को प्रमुख देनदारियों के निपटान में मददगार होंगी. इससे एयरलाइन का बही-खाता मजबूत होगा. समझौते के तहत स्पाइसजेट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट कनाडा द्वारा वित्तपोषित 13 क्यू400 विमानों का पूर्ण स्वामित्व हासिल करेगी. इससे एयरलाइन की परिचालन क्षमता और बेड़े का प्रबंधन व्यवस्था मजबूत होगी.

स्पाइसजेट के बचेंगे 6.83 करोड़ डॉलर

स्पाइसजेट करीब 9.01 करोड़ डॉलर की बकाया देनदारियों के निपटान के लिए एक व्यापक निपटान राशि का भुगतान करेगी. इसमें कहा गया है कि इस समझौते से स्पाइसजेट को 6.83 करोड़ डॉलर (567 करोड़ रुपये) की बचत होगी. स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि हम ईडीसी के साथ समझौते पर पहुंच गए हैं. इस महत्वपूर्ण कदम से हमें अपने बही-खाते को मजबूत करने में मदद मिलेगी. एयरलाइन ने कहा कि कुल विमानों में से बारह क्यू400 वर्तमान में बंद हैं. उनके नवीनीकरण और सेवा में वापसी से स्पाइसजेट को कई क्षेत्रीय और उड़ान मार्गों पर सेवाएं शुरू करने में मदद मिलेगी.

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कंपनी के दो अधिकारियों ने दिया था इस्तीफा

पैसों की कमी से जूझ रही कंपनी के दो शीर्ष अधिकारियों ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया था. एयरलाइन की चीफ कमर्शियल ऑफिसर शिल्पा भाटिया और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अरुण कश्यप ने अपना इस्तीफा दिया था. शेयर बाजार में इस सूचना के बाद, कंपनी के स्टॉक करीब सात प्रतिशत तक टूट गए थे. बता दें कि हाल ही में कंपनी को करीब 1000 करोड़ रुपये का फंड मिला है. कंपनी अभी रिस्ट्रक्चरिंग फेज में है. कंपनी ने कॉस्ट कटिंग के नाम पर करीब 800 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था.
(भाषा इनपुट के साथ)

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