Loading election data...

Sri Lanka Crisis : श्रीलंका में आलू-प्याज तक 220 रुपये किलो, लोगों को पड़ रहे खाने के लाले

श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच खाने-पीने का सामान महंगा हो गया है. आम जनता के लिए कुछ भी खरीदना मुश्किल हो गया है. बात करें रोजमर्रा की चीजों की तो आलू प्याज, दाल-चावल तक के दाम आसमान छू रहे हैं. आइये जानतें है कि कौन सा सामान कितना महंगा मिल रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2022 2:56 PM

श्रीलंका में दिनों-दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है. देश में सरकार के गलत आर्थिक निर्णयों की वजह से यहां खाने-पीने का सामान महंगा हो गया है. आम जनता के लिए कुछ भी खरीदना मुश्किल हो गया है. राशन की किल्लत से श्रीलंका की दो करोड़ आबादी दाने-दाने को तरस रही है. बात करें रोजमर्रा की चीजों की तो आलू प्याज, दाल-चावल तक के दाम आसमान छू रहे हैं.

श्रीलंका में खाने-पीने का सामान हुआ महंगा

बात करें चावल की तो श्रीलंका में चावल 450 रुपये से लेकर 700 रुपये के बीच के प्राइज में मिल रहा है. आलू-प्याज 220 रुपये किलो हो चुकी है. वहीं 250 ग्राम लहसून 170 रुपये मिल रहा है. नारियल तेल के सबसे बड़े उत्पादक देशों में से एक श्रीलंका में नारियल भी 600 रुपये से 1000 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. अनाज की कीमतों की बात करें तो दाल 500 से लेकर 600 रुपये प्रति किलो मिल रहा है, राजमा 925 रुपये प्रति किलो, पॉपकॉर्न 760 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. काबुली चना 800 रुपये प्रति किलो, हरा मटर 355 रुपये, हरा मूंग 850 रुपये और काला चना 630 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.

सब्जी की कीमतें आसमान छू रही

जब भी सब्जी की कीमतें बढ़ती है, ऐसे में आम आदमी आनाज पर निर्भर हो जाते हैं. ऐसे में यहां तो मटर की दाल से लेकर अरहर की दाल तक सब कुछ बजट से बाहर हो रहा है. अरहर की दाल 890 रुपये प्रति किलो, उड़द की दाल 850 रुपये, मूंगफली दाना 760 रुपये तक पहुंच गई है. राशन की ये कीमतें श्रीलंका की थोक मंडी के भाव पर आधारित हैं, जबकि रिटेल शॉप की कीमत 10 से 20% और अधिक है.

Also Read: रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति, चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या ने दिलाई पद गोपनीयता की शपथ
रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति

श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का देश छोड़ने के बाद अपने पद इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया है. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गोटबाया राजपक्षे का उत्तराधिकारी चुने जाने तक अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर शुक्रवार को शपथ ग्रहण की. राजपक्षे ने दिवालिया हो चुके द्वीपीय देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के लिए अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा दे दिया.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version