Dr JJ Irani Death: द स्टील मैन ऑफ इंडिया डॉ जमशेद जे ईरानी नहीं रहे, 43 साल तक टाटा स्टील को दी थी सेवा

Dr JJ Irani Death News: द स्टील मैन ऑफ इंडिया डॉ जमशेद जे ईरानी (Dr JJ Irani Death News) नहीं रहे. 43 साल तक टाटा स्टील को अपनी सेवा देने वाले पद्म भूषण डॉ जेजे ईरानी का सोमवार (31 अक्टूबर 2022) की रात 10 बजे टीएमएच जमशेदपुर में निधन हो गया. ईरानी चार दशक से अधिक समय तक टाटा स्टील से जुड़े रहे.

By Mithilesh Jha | November 1, 2022 6:33 AM

द स्टील मैन ऑफ इंडिया डॉ जमशेद जे ईरानी (Dr JJ Irani Death News) नहीं रहे. 43 साल तक टाटा स्टील को अपनी सेवा देने वाले पद्म भूषण डॉ जेजे ईरानी का सोमवार (31 अक्टूबर 2022) की रात 10 बजे टीएमएच जमशेदपुर में निधन हो गया. ईरानी चार दशक से अधिक समय तक टाटा स्टील से जुड़े रहे. वे 43 साल की विरासत को पीछे छोड़ते हुए जून 2011 में टाटा स्टील के बोर्ड से रिटायर हुए थे. कंपनी को विभिन्न क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने ख्याति दिलायी थी.

जेजे ईरानी का शैक्षणिक सफर

नागपुर में जिजी ईरानी और खोरशेद ईरानी के घर 2 जून, 1936 को जन्मे डॉ ईरानी ने वर्ष 1956 में साइंस कॉलेज, नागपुर से विज्ञान में स्नातक की डिग्री और वर्ष 1958 में नागपुर विश्वविद्यालय से भू-विज्ञान में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री पूरी की. यूके में शेफील्ड के जेएन टाटा विद्वान के रूप में वहां उन्होंने वर्ष 1960 में धातुकर्म में परास्नातक और वर्ष 1963 में धातुकर्म में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.

Also Read: टाटा स्टील के पूर्व एमडी जेजे ईरानी का 86 साल की उम्र में निधन, जमशेदपुर के टीएमएच में ली अंतिम सांस डॉ ईरानी का पेशेवर करियर

डॉ ईरानी ने वर्ष 1963 में शेफील्ड में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च एसोसिएशन के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की. वर्ष 1968 में तत्कालीन टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (अब टाटा स्टील) में सहायक के रूप में शामिल होने के लिए भारत लौट आये. अनुसंधान एवं विकास के प्रभारी निदेशक बने. वह 1978 में जनरल सुपरिटेंडेंट, 1979 में जनरल मैनेजर और 1985 में टाटा स्टील के प्रेसिडेंट बने. वह 1988 में टाटा स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक, 1992 में प्रबंध निदेशक बने.

Dr jj irani death: द स्टील मैन ऑफ इंडिया डॉ जमशेद जे ईरानी नहीं रहे, 43 साल तक टाटा स्टील को दी थी सेवा 3
टाटा स्टील के बोर्ड में हुए शामिल

वर्ष 1981 में डॉ ईरानी टाटा स्टील के बोर्ड में शामिल हुए. वर्ष 2001 से एक दशक तक गैर-कार्यकारी निदेशक भी रहे. टाटा स्टील और टाटा संस के अलावा डॉ ईरानी ने टाटा मोटर्स और टाटा टेलीसर्विसेज सहित टाटा समूह की कई कंपनियों में निदेशक के रूप में भी काम किया.

डॉ ईरानी को मिले कई राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

डॉ ईरानी वर्ष 1992-93 के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. उन्हें कई सम्मान मिले.

  • वर्ष 1996 में रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के इंटरनेशनल फेलो के रूप में उनकी नियुक्ति और 1997 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा भारत-ब्रिटिश व्यापार और सहयोग में उनके योगदान के लिए मानद नाइटहुड की उपाधि दी गयी.

  • वर्ष 2004 में भारत सरकार ने भारत के नये कंपनी अधिनियम के गठन के लिए विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष के रूप में डॉ ईरानी को नियुक्त किया.

  • उद्योग में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. धातु विज्ञान के क्षेत्र में उनकी सेवाओं की स्वीकृति के रूप में उन्हें 2008 में भारत सरकार द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था.

Also Read: Dr JJ Irani Health: टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ जेजे ईरानी की तबीयत बिगड़ी, TMH के आईसीयू में एडमिट दूरदर्शी नेता के रूप में याद किये जायेंगे डॉ ईरानी

डॉ जेजे ईरानी को एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया जायेगा, जिन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में भारत के आर्थिक उदारीकरण के दौरान टाटा स्टील का नेतृत्व किया और भारत में इस्पात उद्योग के विकास में अहम योगदान दिया. डॉ ईरानी भारत में गुणवत्ता आंदोलन के शुरुआती नेता थे. उन्होंने टाटा स्टील को गुणवत्ता और ग्राहकों की संतुष्टि पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ दुनिया में सबसे कम लागत वाला स्टील उत्पादक बनने में सक्षम बनाया, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सके.

Dr jj irani death: द स्टील मैन ऑफ इंडिया डॉ जमशेद जे ईरानी नहीं रहे, 43 साल तक टाटा स्टील को दी थी सेवा 4
टाटा एजुकेशन एक्सीलेंस प्रोग्राम शुरू किया

प्रसिद्ध मैल्कम बाल्ड्रिज परफॉर्मेंस एक्सीलेंस मानदंड से अपनाये गये कैलिब्रेटेड दृष्टिकोण के माध्यम से शैक्षणिक सुविधा की गुणवत्ता में सुधार के लिए वर्ष 2003 में टाटा एजुकेशन एक्सीलेंस प्रोग्राम शुरू करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.

क्रिकेट के शौकीन थे ईरानी, टिकट और सिक्का संग्रह का था जुनून

डॉ जेजे ईरानी एक उत्सुक खिलाड़ी थे. उन्होंने अपने आखिरी समय तक क्रिकेट खेला और उसके नियमों का पालन किया. टिकट और सिक्का संग्रह करना उनका जुनून था. धातुकर्मी होने के नाते, धातुओं और खनिजों के अनुसंधान, विकास और संग्रह में उनकी रुचि का जश्न मनाया जाता है. जमशेदपुर शहर के लिए उनके प्यार ने कई महत्वपूर्ण काम किये हैं, जिसका लाभ नागरिकों को मिलता रहेगा. उनका सक्रिय सार्वजनिक जीवन हमेशा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा. उनके परिवार में उनकी पत्नी डेजी ईरानी और उनके तीन बच्चे जुबिन, नीलोफर ​​और तनाजो हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version