स्टीव जॉब्स का ड्रीम कम्प्यूटर ‘Chaffey College’ Apple-1 अब हो सकता है आपका, करना होगा ये काम

स्टीव जॉब्स ने स्टीव वॉजनियाक के साथ मिलकर इस कम्प्यूटर को अपने हाथों से बनाया था. जॉब्स की बहन पैटी जॉब्स और डैनियल कोट्टके ने उनके घर में इस कम्प्यूटर की टेस्टिंग की थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2021 5:19 PM

‘Chaffey College’ Apple-1 on Auction: एप्पल (Apple) के संस्थापक स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) ने 45 साल पहले एक कम्प्यूटर बनायी थी. स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक के द्वारा बनाये गये इस कम्प्यूटर को ‘चैफी कॉलेज’ एप्पल-1 के नाम से भी जाना जाता है. मंगलवार को इसकी नीलामी होने जा रही है. नीलामी करने वाली कंपनी को इसकी नीलामी से 6 लाख डॉलर (करीब 44.42 करोड़ रुपये) की कमाई की उम्मीद है. इसका बेस प्राइस 2 लाख डॉलर रखा गया है.

ऑक्शन कंपनी जॉन मोरन ऑक्शीनियर्स को ‘चैफी कॉलेज’ एप्पल-1 की नीलामी की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. कंपनी ने कहा है कि स्टीव जॉब्स ने स्टीव वॉजनियाक के साथ मिलकर इस कम्प्यूटर को अपने हाथों से बनाया था. जॉब्स की बहन पैटी जॉब्स और डैनियल कोट्टके ने उनके घर में इस कम्प्यूटर की टेस्टिंग की थी.

ऑक्शन कंपनी ने कहा है कि स्टीव जॉब्स और वॉजनियाक इन कम्प्यूटर्स को कंपोनेंट पार्ट्स के रूप में बेचा करते थे. उन्होंने 175 कम्प्यूटर को 666.66 डॉलर (करीब 49 हजार रुपये) में बेचा. बताया जाता है कि वॉजनियाक के लिए नंबर 6 लकी था और इसलिए इस नंबर को वह बार-बार रिपीट करते थे. स्टीव बंधुओं ने 175 में से 50 कम्प्यूटर कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू स्थित बाईटशॉप (ByteShop) के मालिक पॉल टेरेल (Paul Terrell) को बेचे थे.

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जॉन मोरन ऑक्शीनियर्स ने कहा है कि स्टीव जॉब्स और वॉजनियाक ने जब कम्प्यूटर बेचे, तो टेरेल बेहद नाराज हुए. दरअसल, अलग-अलग बक्से में एप्पल-1 किट डालकर उन्हें भेजे गये थे. टेरेल ने कहा कि पूरे कम्प्यूटर को असेंबल करके भेजा जाना चाहिए था, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी न हो. बेचने में भी सहूलियत हो.

इस पर स्टीव जॉब्स ने टेरेल को सलाह दी कि हर बक्से में अलग-अलग उपकरण हैं, जिसे असेंबल किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने बाईटसेल के मालिक टेरेल को सलाह दी कि यदि वह की-बोर्ड, मॉनिटर और पावर सप्लाई की बिक्री अपने स्टोर में शुरू कर देंगे, तो उनका मुनाफा बढ़ जायेगा.

14.80 लाख करोड़ की कंपनी बन गयी Apple

बता दें कि स्टीव जॉब्स ने वॉजनियाक के साथ मिलकर शुरू में सिर्फ 200 कम्प्यूटर बनाये थे. इन दोनों दोस्तों ने गैरेज-स्टार्टअप को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी कंपनी में तब्दील कर दिया. गैरेज से शुरू हुई स्टीव जॉब्स और स्टीव वॉजनियाक की यह कंपनी आज दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में शुमार है. एप्पल वर्तमान में 2 ट्रिलियन डॉलर (करीब 14,80,218 करोड़ रुपये) की कंपनी बन चुकी है.

चैफी कॉलेज के प्रोफेसर को एप्पल ने बेचा था एप्पल

ऑक्शन करने वाली कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि एप्पल-1 कम्प्यूटर के सिर्फ दो मालिक थे. असल में इसे चैफी कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स के एक प्रोफेसर ने इसे खरीदा था. बाद में उन्होंने वर्ष 1977 में इन कम्प्यूटर्स को अपने स्टूडेंट्स को बेच दिया. चैफी कॉलेज कैलिफोर्निया के रैंचो कुकामोंगा में है.

स्टीव जॉब्स के द्वारा बनाये गये इस कम्प्यूटर को और विशेष बनाने के लिए कोवा वुड से इसका केस बनाया गया है. हवाई में इस किस्म की लकड़ी बहुतायत में पायी जाती है, जबकि दुनिया के अन्य देशों में आमतौर पर बहुत कम पायी जाती है. कहा जा रहा है कि कोवा लकड़ी से केस बनाने के अब तक सिर्फ 6 उदाहरण मिले हैं, जिसमें से एक ‘चैफी कॉलेज’ एप्पल-1 का केस भी है.

Posted By: Mithilesh Jha

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