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Stock Market: टॉप-10 कंपनियों में से 7 का मार्केट कैप 77434 करोड़ रुपये घटा, ITC और HDFC को सबसे ज्यादा नुकसान

Stock Market Cap: सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और बजाज फाइनेंस के बाजार मूल्यांकन में गिरावट आई.

Stock Market Cap: ‍BSE सेंसेक्स में शामिल टॉप 10 में से सात कंपनियों का संयुक्त बाजार बीते सप्ताह 77,434.98 करोड़ रुपये की गिरावट आई. सबसे अ‍धिक नुकसान आईटीसी और एचडीएफसी बैंक को हुआ. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 524.06 अंक या 0.78 प्रतिशत के नुकसान में रहा. सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और बजाज फाइनेंस के बाजार मूल्यांकन में गिरावट आई. वहीं इन्फोसिस, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और भारती एयरटेल का मूल्यांकन बढ़ गया. समीक्षाधीन सप्ताह में आईटीसी का बाजार पूंजीकरण 26,192.05 करोड़ रुपये घटकर 5,83,732.19 करोड़ रुपये रह गया.

टीसीएस को 5,214.15 करोड़ रुपये का नुकसान

एचडीएफसी बैंक का बाजार मूल्यांकन 22,747.89 करोड़ रुपये के नुकसान से 12,40,322.63 करोड़ रुपये पर आ गया. बजाज फाइनेंस की बाजार हैसियत 12,127.47 करोड़ रुपये घटकर 4,47,298.52 करोड़ रुपये रह गई. रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 5,818.43 करोड़ रुपये के नुकसान से 17,10,076.74 करोड़ रुपये और टीसीएस का 5,214.15 करोड़ रुपये टूटकर 12,27,739.80 करोड़ रुपये रह गया. हिंदुस्तान यूनिलीवर के मूल्यांकन में 4,417.23 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 6,07,369.34 करोड़ रुपये रहा। आईसीआईसीआई बैंक की बाजार हैसियत 917.76 करोड़ रुपये के नुकसान से 6,96,495.74 करोड़ रुपये पर आ गई. इस रुख के उलट भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 5,643.3 करोड़ रुपये बढ़कर 5,00,369.30 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. इन्फोसिस के मूल्यांकन में 4,129.44 करोड़ रुपये का उछाल आया और यह 5,56,271.03 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

एसबीआई का बढ़ा मार्केट कैप

एसबीआई की बाजार हैसियत 981.71 करोड़ रुपये बढ़कर 5,49,800.72 करोड़ रुपये रही. शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही. उसके बाद क्रमश: एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, इन्फोसिस, एसबीआई, भारती एयरटेल और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा.

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सुस्त रहा था शेयर बाजार

सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन, विदेशी बाजारों के मिले-जुले रुख और विदेशी पूंजी की निकासी के बीच घरेलू शेयर बाजारों में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और बैंक शेयरों में बिकवाली का जोर रहने से मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुआ. बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स कारोबार के अंत में 106.62 अंक यानी 0.16 प्रतिशत गिरकर 66,160.20 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 388.17 अंक कमजोर होकर 65,878.65 अंक तक आ गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 13.85 अंक यानी 0.07 प्रतिशत गिरकर 19,646.05 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के समूह में शामिल शेयरों में से बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी बैंक, टाटा मोटर्स, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एक्सिस बैंक, इन्फोसिस, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा और मारुति सुजुकी में गिरावट दर्ज की गई. दूसरी तरफ, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, जेएसडब्ल्यू स्टील, बजाज फाइनेंस, आईटीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में बढ़त का रुख देखा गया.

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मार्केट कैप क्या होता है

बाजार पूंजीकरण, जिसे अक्सर मार्केट कैप के रूप में संक्षिप्त किया जाता है, सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी के कुल मूल्य को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक उपाय है. यह किसी कंपनी के स्टॉक के बकाया शेयरों के बाजार मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है और इसकी गणना मौजूदा स्टॉक मूल्य को बकाया शेयरों की कुल संख्या से गुणा करके की जाती है. इसका अर्थ है, मार्केट कैप = वर्तमान स्टॉक मूल्य × बकाया शेयरों की संख्या

बाज़ार पूंजीकरण किसी कंपनी के आकार का एक महत्वपूर्ण संकेतक है और इसका उपयोग कंपनियों को विभिन्न आकार के खंडों, जैसे लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों में वर्गीकृत करने के लिए किया जाता है

कितने तरह के मार्केट कैप होते हैं

लार्ज-कैप: एक निश्चित सीमा से ऊपर मार्केट कैप वाली कंपनियां, अक्सर अरबों डॉलर में.

मिड-कैप: लार्ज-कैप और स्मॉल-कैप की सीमा के बीच मार्केट कैप वाली कंपनियां.

स्मॉल-कैप: अपेक्षाकृत छोटी मार्केट कैप वाली कंपनियां.

बाजार पूंजीकरण किसी कंपनी के मूल्य और विकास की संभावनाओं के संबंध में निवेशकों की सामूहिक धारणा को दर्शाता है. स्टॉक की कीमत और बकाया शेयरों की संख्या में बदलाव के साथ-साथ बाजार की धारणा और वित्तीय प्रदर्शन में बदलाव के आधार पर इसमें उतार-चढ़ाव हो सकता है. निवेशक अक्सर किसी कंपनी के समग्र मूल्य, जोखिम प्रोफ़ाइल और निवेश क्षमता का आकलन करने के लिए मार्केट कैप को एक मैट्रिक्स के रूप में उपयोग करते हैं. हालाँकि, निवेश निर्णय लेने से पहले अन्य वित्तीय संकेतकों पर विचार करना और व्यापक विश्लेषण करना आवश्यक है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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