डोनाल्ड ट्रंप की धमकी से शेयर बाजार क्रैश, सेंसेक्स में 1235 अंकों की बड़ी गिरावट
Stock Market Crash: शेयर बाजार के कारोबार के आखिर में 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक बीएसई सेंसेक्स के 28 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए. एनएसई में 50 शेयरों पर आधारित सूचकांक निफ्टी के 41 शेयर लाल निशान और 9 शेयर हरे निशान पर बंद हुए.
Stock Market Crash: अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर सोमवार 20 जनवरी 2025 को शपथ लेने के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी दे डाली. उनकी इस धमकी के बाद मंगलवार 21 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार धराशायी हो गया. कारोबार के आखिर में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1235.08 अंक या 1.60% की भारी गिरावट के साथ 75,838.36 अंक पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 320.10 अंक या 1.37% फिसलकर 23,024.65 अंक पर पहुंच गया.
बीएसई सेंसेक्स में 10.92% गिरा जोमैटो का शेयर
शेयर बाजार के कारोबार के आखिर में 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक बीएसई सेंसेक्स के 28 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए. इनमें जोमैटो का शेयर सबसे अधिक 10.92% टूटकर 214.65 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया. सेंसेक्स के जिन दो शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, उनमें अल्ट्राटेक सीमेंट और एचसीएल टेक्नोलॉजीज शामिल हैं. अल्ट्राटेक सीमेंट का शेयर 0.76% उछलकर 10705.05 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ. वहीं, एचसीएल टेक्नोलॉजीज का शेयर 0.49% की बढ़त के साथ 1804.50 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया.
एनएसई निफ्टी में टाटा की ट्रेंट को सबसे अधिक नुकसान
एनएसई में 50 शेयरों पर आधारित सूचकांक निफ्टी के 41 शेयर लाल निशान और 9 शेयर हरे निशान पर बंद हुए. इनमें टाटा ग्रुप की कंपनी ट्रेंट को सबसे अधिक 6.00% का नुकसान हुआ. इसका शेयर कारोबार के आखिर में 5724.75 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ. वहीं, गिरावट के इस दौर में अपोलो हॉस्पिटल का शेयर टॉप गेनर रहा. इसका शेयर 2.13% की बढ़त के साथ 6925 रुपये पर पहुंच गया.
क्यों धराशायी हुआ शेयर बाजार
डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों पर अनिश्चितता: कनाडा, मैक्सिको और भारत जैसे देशों पर संभावित टैरिफ सहित डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों में अनिश्चितता ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया है.
केंद्रीय बजट 2025 से पूर्व निवेशकों की सतर्कता: 1 फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट से पहले निवेशक सतर्क हैं, क्योंकि वे उपभोग, ग्रामीण विकास, विनिर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के उपायों की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली: अक्टूबर 2024 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों से 10 बिलियन डॉलर से अधिक की निकासी की, जो महामारी की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ी मासिक निकासी है. यह आर्थिक मंदी और कमजोर कॉर्पोरेट आय के संकेतों के कारण हुआ है.
कमजोर कॉर्पोरेट नतीजे: विभिन्न उद्योगों में कंपनियों ने हाल ही में कमजोर तिमाही नतीजे पेश किए हैं, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है.
वैश्विक आर्थिक कारक: चीन की अर्थव्यवस्था में कमजोरी और वैश्विक बाजारों में गिरावट ने भी भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है.
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एशिया के दूसरे बाजारों में मिलाजुला रुख
एशिया के दूसरे बाजारों में मिलाजुला रुख देखने को मिल रहा है. जापान के निक्केई 225 और हांगकांग के हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुए, तो दक्षिण कोरिया के कॉस्पी और चीन के शंघाई कंपोजिट में गिरावट दर्ज की गई. अमेरिकी बाजार सोमवार को बढ़त के साथ बंद हुए थे. यूरोपीय बाजार में सकारात्मक रुख देखा जा रहा है. वैश्विक तेल बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.17% उछलकर 80.93 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है.
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