आईटी शेयरों की कमजोरी से शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स ने लगाया 1190 अंकों का गोता
Stock Market: द इन्फिनिटी ग्रुप के संस्थापक विनायक मेहता ने कहा कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नीतिगत रुख को लेकर चिंता और अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की अनिश्चितता ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया. आईटी सेक्टर की कंपनियों में लार्सन एंड ट्रुबो टेक्नोलॉजीज सर्विसेज और इन्फोसिस के शेयरों में तेज गिरावट आई.
Stock Market: सूचना तकनीक (आईटी) वाली कंपनियों के शेयरों में आई जोरदार कमजोरी की वजह से गुरुवार 29 नवंबर 2024 को घरेलू शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुआ. कारोबार के आखिर में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1190.34 अंक या 1.48% का गोता लगाकर 79,043.74 अंक पर पहुंच गया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 360.75 अंक या 1.49% टूटकर 23,914.15 अंक पर बंद हुआ. बुधवार 28 नवंबर 2024 को सेंसेक्स 230.02 अंक की बढ़त के साथ 80,234.08 अंक और निफ्टी 80.40 अंक की मजबूती के साथ 24,274.90 अंक पर बंद हुए थे.
बीएसई सेंसेक्स में 30 शेयर टूटे
कारोबार के आखिर में बीएसई सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 शेयरों में से 39 शेयर टूट गए. सबसे अधिक नुकसान इन्फोसिस को हुआ. इसका शेयर 3.46% गिरकर 1857.45 रुपये पर पहुंच गया. हालांकि, इस गिरावट के दौर में भारतीय स्टेट बैंक का इकलौता शेयर मुनाफे में रहा. इसका शेयर 0.55% गिरकर 838.75 रुपये पर बंद हुआ. एनएसई के 2870 शेयरों में से 1245 शेयर गिर गए, जबकि 1537 शेयर मुनाफे में रहे. हालांकि, एनएसई के 88 शेयरों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं हुआ. एनएसई में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का शेयर 5.41% फिसलकर 1424 रुपये पर बंद हुआ. वहीं, अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 1.63% की बढ़त के साथ 2437 रुपये पर पहुंच गया.
डोनाल्ड ट्रंप के नीतिगत रुख से बाजार प्रभावित
द इन्फिनिटी ग्रुप के संस्थापक विनायक मेहता ने कहा कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नीतिगत रुख को लेकर चिंता और अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की अनिश्चितता ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया. उन्होंने कहा कि आईटी सेक्टर की कंपनियों में लार्सन एंड ट्रुबो टेक्नोलॉजीज सर्विसेज और इन्फोसिस के शेयरों में तेज गिरावट आई. कारोबार के दौरान इनके शेयर 3% से अधिक टूट गए. उन्हेांने कहा कि घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को कई कारकों की वजह से दबाव का सामना कर रहा था. इसमें अमेरिकी शेयर बाजार के बंद होने के साथ ही वैश्विक संकेतों की कमी अहम हैं.
घरेलू संस्थागत निवेशकों का सतर्क रुख
विनायक मेहता ने कहा कि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईडी) निकट भविष्य की निगरानी कर रहे हैं और वे सतर्क रुख अपनाए हुए हैं. फरवरी 2025 में केंद्रीय बजट पेश होना है. एफआईआई बिकवाली कर रहे हैं. अमेरिकी डॉलर मजबूत हो गया है. बाजार में अभी भी गिरावट के बजाय मुनाफावसूली माना जा सकता है. शर्त यह है कि निफ्टी 50 प्रमुख 24,050 के स्तर से ऊपर रहे. बाजार के इन कमजोर चरणों के दौरान अल्पकालिक व्यापारियों की रुचि रेल, तेल, ऊर्जा क्षेत्रों में हो सकती है, जिनके वर्तमान अस्थिर बाजार परिदृश्य में मजबूत होने की उम्मीद है.
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जापान के निक्केई और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी मजबूत
एशिया के दूसरे बाजारों की बात करें, तो जापान के निक्केई 225 और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी बढ़त के साथ बंद हुए. हालांकि, हांगकांग के हैंगसेंग और चीन के शंघाई कंपोजिट को नुकसान हुआ. यूरोपीय बाजार मजबूत बने हुए हैं. अमेरिकी बाजार भी बुधवार को मजबूत होकर बंद हुए थे. वैश्विक तेल बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.65% की बढ़त के साथ 73.31 पर कारोबार कर रहा है.
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