इजरायल के हमले से दशहत में शेयर बाजार, सेंसेक्स में 1769 अंकों की भारी गिरावट

Stock Market: पश्चिम एशियाई देश इजरायल, ईरान और लेबनान में पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव की वजह से एशिया महादेश के दूसरे देशों में भी दशहत का माहौल बना हुआ है. इस कारण एशिया के शेयर बाजारों पर भी इसका असर साफ दिखाई दे रहा है.

By KumarVishwat Sen | October 3, 2024 4:39 PM
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Stock Market: लेबनान पर इजरायल के हमले से भारतीय शेयर बाजार दहशत में है. गुरुवार 3 अक्टूबर 2024 को घरेलू शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार से ही हाहाकार मचा रहा. कारोबार के आखिर में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1769.19 अंक या 2.10% की भारी गिरावट के साथ 82,497.10 अंक पर बंद हुआ. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 546.80 अंक या 2.12% फिसलकर 25,250.10 अंक के स्तर पर पहुंच गया. सुबह के कारोबार में सेंसेक्स 1,264.2 अंक गिरकर 83,002.09 अंक और निफ्टी 208.05 अंक टूटकर 25,588.85 अंक पर खुले थे.

बीएसई सेंसेक्स के 29 शेयर धराशायी

बीएसई सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से 29 के शेयर धराशायी हो गए. इसमें सिर्फ जेएसडब्ल्यू स्टील का शेयर 1.18 % मुनाफे के साथ 1039.80 रुपये प्रति शेयर के स्तर पर पहुंच गया. बाद बाकी शेयर बाजार के इस जोरदार गिरावट के दौर में लार्सन एंड ट्रुबो का शेयर 4.18% गिरकर सबसे अधिक नुकसान में रहा. यह 3498.80 रुपये प्रति शेयर के स्तर पर बंद हुआ. इसके अलावा, जिन दूसरी कंपनियों के शेयर टूटे, उनमें एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति सुजुकी इंडिया, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक, अदाणी पोर्ट्स, टाइटन, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, पावरग्रिड, इंडसइंड बैंक और भारती एयरटेल प्रमुख रूप से शामिल हैं.

पश्चिम एशिया में तनाव से गिरा शेयर बाजार

पश्चिम एशियाई देश इजरायल, ईरान और लेबनान में पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव की वजह से एशिया महादेश के दूसरे देशों में भी दशहत का माहौल बना हुआ है. इस कारण एशिया के शेयर बाजारों पर भी इसका असर साफ दिखाई दे रहा है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विस के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि ईरान की ओर से इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के बाद घरेलू बाजार में भारी गिरावट आई, जिससे जवाबी कार्रवाई और युद्ध बढ़ने की आशंका बढ़ गई. इससे संभावित रूप से तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं और मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ सकता है. इसके अलावा, एफएंडओ सेगमेंट के लिए नए सेबी नियमों ने व्यापक बाजार में ट्रेडिंग वॉल्यूम में कमी के बारे में चिंता जताई है. चीन में आकर्षक मूल्यांकन के साथ, एफआईआई ने अपने फंड को पुनर्निर्देशित किया है, जिससे भारतीय शेयरों पर दबाव बढ़ गया है.

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एशियाई बाजार में भी छाई सुस्ती

जापान के निक्केई225 को छोड़कर एशिया के दूसरे बाजारों में सुस्ती छाई हुई है. हांगकांग के हैंगसेंग में नरमी बनी हुई है. दक्षिण कोरिया का कास्पी और चीन का शंघाई कंपोजिट सपाट दिखाई दे रहा है. यूरोपीय बाजार में नकारात्मक रुख है. हालांकि, अमेरिकी बाजारों में मजबूती बनी है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 0.51% गिरकर 2,646.87 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है. वैश्विक तेल बाजार में ब्रेंट क्रूड 1.83% बढ़कर 75.25 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ था.

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