ताबडतोड़ रिकॉर्ड बनाने वाला शेयर बाजार 10% नीचे धड़ाम, ऑल-टाइम हाई से फिसले सेंसेक्स-निफ्टी

Stock Market: घरेलू शेयर बाजार इस समय भारी गिरावट के दौर से गुजर रहा है. अभी सेंसेक्स-निफ्टी को अपने रिकॉर्ड को छुए हुए दो महीने भी नहीं गुजरे कि विदेशी निवेशकों ने निकासी शुरू कर दी. उनका रुख चीन की ओर अधिक है. 27 सितंबर 2024 के बाद सेंसेक्स करीब 9.76% और निफ्टी करीब 10.44% तक गिर गए.

By KumarVishwat Sen | November 15, 2024 6:17 PM
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Stock Market: साल 2024 में ताबड़तोड़ रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाने वाला शेयर बाजार फिलहाल 10% नीचे आ गया है. आलम यह है कि बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी फिसलकर अपने ऑल-टाइम से काफी पीछे चले गए हैं. ये दोनों प्रमुख शेयर सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएससी निफ्टी इस साल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद भारी गिरावट के दौर से गुजर रहे हैं.

27 सितंबर को रिकॉर्ड हाई पर थे सेंसेक्स-निफ्टी

समाचार एजेंसी पीटीआई की हिंदी शाखा भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी निवेशकों की निकासी, दूसरी तिमाही में कंपनियों के कमजोर नतीजों और बढ़े हुए मूल्यांकन के बीच निफ्टी सितंबर में अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर से 10% से अधिक नीचे आ चुका है. बीएसई सेंसेक्स इस साल 27 सितंबर को 85,978.25 के अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंचा था. निफ्टी ने भी इसी दिन 26,277.35 के सर्वकालिक उच्चस्तर को छुआ था. हालांकि, अक्टूबर के बाद से बाजार मंदी की गिरफ्त में आ गए. सेंसेक्स अपने ऑल-टाइम हाई लेवल से 8,397.94 अंक या 9.76% नीचे है. निफ्टी भी रिकॉर्ड हाई लेवल से 2,744.65 अंक या 10.44% तक फिसल गया है.

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विदेशी निवेशकों ने निकाले 94,000 करोड़ रुपये

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि ऊंचे मूल्यांकन ने पहले ही चिंताएं बढ़ा दी थीं, लेकिन चीन में प्रोत्साहन पैकेज ने विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के प्रवाह को भारत से चीन की ओर मोड़ दिया. दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजों ने इस पलायन को और बढ़ावा दिया. इसके अलावा अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर सूचकांक में वृद्धि ने दबाव को और बढ़ाया, जिससे एफआईआई की निकासी बढ़ गई. विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार से 94,000 करोड़ रुपये निकाले. इस तिमाही में सबसे बड़ी निराशा एफएमसीजी शेयरों से हुई, जहां मजबूत आमदनी की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं.

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