Stock Market: सप्ताह के पहले कारोबारी दिन बाजार हुआ हरा, सेंसेक्स 232 अंक चढ़ा, NIFTY 19,597 पर बंद
Stock Market: सप्ताह के पहले कारोबारी दिन कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच सोमवार को भारतीय बाजार में तेजी देखने को मिली. क्लोजिग बेल तक 30 शेयरों वाला BSE सेंसेक्स 232 अंक के लाभ के साथ 65,953.48 अंक पर बंद हुआ. दिन के समय एक वक्त पर सेंसेक्स 346.65 अंक तक चढ़ गया था.
Stock Market: सप्ताह के पहले कारोबारी दिन कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच सोमवार को भारतीय बाजार में तेजी देखने को मिली. क्लोजिग बेल तक 30 शेयरों वाला BSE सेंसेक्स 232 अंक के लाभ के साथ 65,953.48 अंक पर बंद हुआ. दिन के समय एक वक्त पर सेंसेक्स 346.65 अंक तक चढ़ गया था. जबकि, NIFTY ने हरे का निशान दिखाया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 80.30 अंक यानी 0.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,597.30 अंक पर बंद हुआ. वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बावजूद पेटीएम, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और रिलायंस इंडस्ट्रीज में तेजी से बाजार बढ़त में रहा. हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी जारी रहने से बाजार जोरदार बढ़त नहीं दर्ज कर सका.
पेटीएम के शेयर 11 प्रतिशत उछले
सेंसेक्स के शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा सर्वाधिक चार प्रतिशत से अधिक मजबूत हुआ. जबकि, पेटीएम के शेयर करीब 11 प्रतिशत उछले. इसके अलावा सन फार्मा, बजाज फिनसर्व, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, जेएसडब्ल्यू स्टील, विप्रो, मारुति, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा और आईसीआईसीआई बैंक में भी प्रमुख रूप से तेजी रही. दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में भारतीय स्टेट बैंक, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, नेस्ले और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि औषधि और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के मजबूत प्रदर्शन के साथ बाजार की शुरुआत हल्की बढ़त के साथ हुई.वैश्विक बाजारों में मिला-जुला रुख रहा. बाजार में निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया है. इसका कारण मुद्रास्फीति का जारी होने वाला आंकड़ा और भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा है.
बीएसई मिडकैप में रही 0.56 प्रतिशत की बढ़त
बीएसई मिडकैप 0.56 प्रतिशत और स्मॉलकैप 0.26 प्रतिशत की बढ़त में रहा. एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की लाभ में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा.अमेरिकी बाजार सोमवार को नुकसान में बंद हुए थे. वैश्विक तेल मानक 0.73 प्रतिशत घटकर 85.63 डॉलर प्रति बैरल रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 1,892.77 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. एफआईआई अगस्त के पहले सप्ताह में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे हैं. इससे पहले, वे लगातार पांच महीने से लिवाल बने हुए थे.
कमजोर हाजिर मांग से कच्चे तेल का वायदा भाव में गिरावट
कमजोर हाजिर मांग के बाद कारोबारियों ने अपने सौदों की कटान की जिससे वायदा कारोबार में सोमवार को कच्चा तेल की कीमत 0.45 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,828 रुपये प्रति बैरल रह गयी. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चे तेल का अगस्त माह में डिलिवरी होने वाला अनुबंध 31 रुपये या 0.45 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,828 रुपये प्रति बैरल रह गया.इसमें 9,741 लॉट के लिए कारोबार हुआ. वैश्विक स्तर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82.73 डॉलर प्रति बैरल रह गया जबकि ब्रेंट क्रूड का दाम 0.12 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता 86.14 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.
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रुपया पांच पैसे की तेजी के साथ 82.76 प्रति डॉलर पर
घरेलू शेयर बाजार में तेजी के बीच सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया पांच पैसे की बढ़त के साथ 82.76 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी कोषों की निकासी और विदेशों में डॉलर के मजबूत होने से निवेशकों की कारोबारी धारणा को बल मिला. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.73 पर खुला.दिन में कारोबार के दौरान यह 82.71 से 82.77 के दायरे में घूमने के बाद अंत में यह अपने पिछले बंद भाव से पांच पैसे मजबूत होकर 82.76 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया डॉलर के मुकाबले 82.81 पर बंद हुआ था. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा कि डॉलर सूचकांक में शुक्रवार की कमजोरी और कच्चे तेल की कम कीमतों को समायोजित करते हुए भारतीय रुपये ने सप्ताह की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ की. अल्पावधि में निवेशकों का ध्यान बृहस्पतिवार को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों पर रहेगा.परमार ने कहा कि बाजार पहले से ही यथास्थिति में मूल्य निर्धारण कर रहा है और मुद्रास्फीति की चिंताओं के बाद इस साल किसी कटौती की उम्मीद नहीं है.
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