भारत में बदल रहा FPI का मूड, निवेशकों ने 15 दिनों में निकाले 4,768 करोड़ रुपये, जानें कैसा रहेगा आगे का बाजार
FPI Inflows in India: विदेशी निवेशकों ने सितंबर महीने के 15 दिनों में 4800 करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजार से निकाल लिया है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने, मजबूत डॉलर और आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता में हैं.
FPI Inflows in India: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भारतीय शेयर बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं. बताया जा रहा है कि विदेशी निवेशकों ने सितंबर महीने के 15 दिनों में 4800 करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजार से निकाल लिया है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने, मजबूत डॉलर और आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता में हैं. इससे पहले एफपीआई मार्च से अगस्त तक लगातार छह माह भारतीय शेयरों में शुद्ध लिवाल रहे थे. इस दौरान उन्होंने 1.74 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, आने वाले दिनों में एफपीआई बिकवाल रह सकते हैं क्योंकि मूल्यांकन रिकॉर्ड उच्चस्तर पर है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल (10 साल के लिए 4.28 प्रतिशत) ऊंचे स्तर पर है और डॉलर सूचकांक भी 105 के ऊपर है. ऐसे में एफपीआई अभी और बिकवाली कर सकते हैं.
अगस्त महीने में चार महीने के नीचले स्तर पर पहुंचा निवेश
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने 15 सितंबर तक शेयरों से शुद्ध रूप से 4,768 करोड़ रुपये निकाले हैं. इससे पहले अगस्त में शेयरों में एफपीआई का प्रवाह चार माह के निचले स्तर 12,262 करोड़ रुपये पर आ गया था. मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक – प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक स्तर, विशेषरूप से अमेरिका में ब्याज दर परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता की वजह से एफपीआई सितंबर में शुद्ध बिकवाल रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में 2,000 करोड़ रुपये डाले हैं. इस तरह चालू कैलेंडर साल में अबतक शेयरों में एफपीआई का निवेश 1.3 लाख करोड़ रुपये रहा है. वहीं बॉन्ड बाजार में उन्होंने 30,200 करोड़ रुपये से ज्यादा डाले हैं.
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सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से नौ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.80 लाख करोड़ रुपये बढ़ा
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से नौ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 1,80,788.99 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई. सबसे अधिक लाभ में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) रही. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,239.72 अंक या 1.86 प्रतिशत चढ़ गया. शुक्रवार को लगातार 11वें कारोबारी सत्र में सेंसेक्स लाभ के साथ बंद हुआ. शुक्रवार को सेंसेक्स 319.63 अंक या 0.47 प्रतिशत की बढ़त के साथ 67,838.63 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान यह 408.23 अंक या 0.60 प्रतिशत की बढ़त के साथ अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 67,927.23 अंक पर पहुंचा. समीक्षाधीन सप्ताह में हिंदुस्तान यूनिलीवर को छोड़कर शीर्ष 10 में से नौ कंपनियां लाभ में रहीं. बीते सप्ताह टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 57,300.75 करोड़ रुपये के उछाल से 13,17,203.61 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. एचडीएफसी बैंक के बाजार मूल्यांकन में 28,974.82 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई और यह 12,58,989.87 करोड़ रुपये रहा.
एयरटेल और इंफोसिस की पूंजी बढ़ी
भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 28,354.73 करोड़ रुपये बढ़कर 5,23,723.56 करोड़ रुपये पर और इन्फोसिस की 17,680.53 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 6,27,637.87 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. आईसीआईसीआई बैंक का मूल्यांकन 15,364.55 करोड़ रुपये की बढ़त के साथ 6,94,844.51 करोड़ रुपये रहा. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का बाजार पूंजीकरण 13,342.3 करोड़ रुपये बढ़कर 5,34,048.78 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. रिलायंस इंडस्ट्रीज के मूल्यांकन में 7,442.79 करोड़ रुपये का उछाल आया और यह 16,64,377.02 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. आईटीसी की बाजार हैसियत 7,232.74 करोड़ रुपये के लाभ से 5,59,165.44 करोड़ रुपये रही. बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण 5,095.78 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 4,54,039.37 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इस रुख के उलट हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 10,514.42 करोड़ रुपये घटकर 5,80,325.55 करोड़ रुपये रह गया. शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही. उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, एसबीआई, भारती एयरटेल और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा.
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