सरकार रेहड़ी पटरी वालों को बेहतर सुविधाएं मिल सके. उन तक सही तरीके से योजनाओं का लाभ पहुंचे इस कोशिश में लगी है. रिजर्व बैंक ने भी पांइट आफ सेल (पीओएस) जैसी ढांचागत सुविधाओं को प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत आने वाले रेहड़ी- पटरी विक्रेताओं को पीआईडीएफ योजना का लाभ देने की पहल की है.
भुगतान बुनियादी सुविधा विकास कोष (पीआईडीएफ) योजना के माध्यम से हर साल 30 लाख नये पीओएस बनाने का उद्देश्य शुरू किया है. यह तीसरी से लेकर छठी श्रेणी के केन्द्रों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की योजना है.
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यह योजना 345 करोड़ रुपये का है. इसकी शुरुआत जनवरी में की गयी. योजना का लाभ अब पहली और दूसरी श्रेणी के चुनींदा केन्द्रों पर रेहड़ी- पटरी लगाने वाले विक्रेताओं के लिये उपलब्ध कराने की पहल की गई है.
इस योजना की शुरुआत कोरोना महामारी से निपटने और रेहड़ी पटरी वालों की जीविका का संकट कम हो इस उद्देश्य से किया गया था. इसके तहत इन कामगारों को बिना किसी गारंटी के 10 हजार रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराया जाता है.
देशभर में 50 लाख के करीब विक्रेताओं को इसका लाभ मिलेगा. पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहली और दूसरी श्रेणी के केन्द्रों में पहचान प्राप्त रेहड़ी पटरी विक्रेताओं को पीआईडीएफ योजना का लाभार्थी बनाया जायेगा. अब तक योजना के तहत तीसरी से लेकर छठी श्रेणी के केन्द्रों के छोटे विक्रेताओं को योजना का लाभ मिलता रहेगा.
सरकार रेहड़ – पटरी और श्रमिकों के लिए कई तरह की योजनाएं लेकर आ रही है. असंगठित क्षेत्र के 38 करोड़ श्रमिकों का डेटाबेस तैयार करने और उसका रखरखाव करने के वास्ते ई-श्रम पोर्टल शुरू किया. इसमें श्रमिकों जैसे निर्माण मजदूर, प्रवासी कार्यबल, स्ट्रीट वेंडर और घरेलू कामगारों को पोर्टल पर पंजीकृत कराना है.
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