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Success Story: 19 साल की उम्र में शादी, रोजी-रोटी के लिए स्टेशन पर बिताई रातें, आज हैं 35 हजार करोड़ के मालिक

Success Story: 19 साल की उम्र में शादी के बाद सत्यनारायण नुवाल ने रोजी-रोटी के लिए स्टेशन पर रातें गुजारीं, लेकिन कड़ी मेहनत से आज वे 35 हजार करोड़ रुपये के मालिक हैं

By Abhishek Pandey | March 17, 2025 9:40 AM
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Success Story: सत्यनारायण नुवाल का जन्म राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक सामान्य परिवार में हुआ था. उनके पिता पटवारी का काम करते थे, जबकि दादा की परचूने की दुकान थी. 1971 में पिता के सेवानिवृत्त होने के बाद परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इस कारण सत्यनारायण नुवाल अपनी पढ़ाई को दसवीं कक्षा के बाद जारी नहीं रख सके.

शादी के बाद स्याही बेचने का काम शुरू किया

19 साल की उम्र में सत्यनारायण नुवाल का विवाह हुआ, जिसके बाद उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारियां और बढ़ गईं. जीवनयापन के लिए उन्होंने फाउंटेन पेन की स्याही बेचने का काम शुरू किया, लेकिन इसमें उन्हें खास सफलता नहीं मिली.

मथुरा में गुरुदेव के साथ बिताया समय

स्याही के व्यवसाय में ज्यादा सफलता न मिलने के बाद सत्यनारायण कुछ समय के लिए अपने गुरुदेव के साथ मथुरा चले गए. यहां उन्होंने छोटे-मोटे काम किए और यहीं से उन्हें व्यवसाय के प्रति अपनी रुचि का अहसास हुआ.

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रोजी-रोटी के लिए स्टेशन पर बिताई रातें

1977 में आजीविका की तलाश में सत्यनारायण नुवाल महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्हारशाह पहुंचे. इस दौरान उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि किराए का घर ले सकें, इसलिए उन्होंने कई रातें स्टेशन पर गुजारीं. बल्हारशाह में उनकी मुलाकात अब्दुल सत्तार अल्लाहभाई से हुई, जो खदानों में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटकों (industrial explosives) का व्यवसाय करते थे. यही वह मोड़ था, जहां से सत्यनारायण नुवाल के जीवन में बदलाव आया.

उधार लाइसेंस लेकर शुरू किया काम

उस समय विस्फोटकों की आपूर्ति काफी सीमित थी. नुवाल ने अल्लाहभाई से 1,000 रुपये प्रति माह पर एक गोदाम और विस्फोटकों को बेचने का लाइसेंस ले लिया. जल्द ही ब्रिटेन की कंपनी ‘इंपीरियल केमिकल इंडस्ट्रीज’ (ICI) ने उन्हें अपना अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर बना दिया. इसके बाद कोयला खदानों में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटकों की बिक्री से उनकी कमाई शुरू हो गई.

SBI से लोन लेकर बनाई कंपनी

1995 में सत्यनारायण नुवाल ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से 60 लाख रुपये का लोन लेकर ‘सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया’ नामक एक छोटी यूनिट स्थापित की. यह कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड को विस्फोटकों की आपूर्ति करने लगी. सफलता मिलते ही उन्होंने एक साल के भीतर 1 करोड़ रुपये का निवेश कर छोटे प्लांट को एक बड़े मैन्युफैक्चरिंग हब में बदल दिया. 1996 में कंपनी को 6,000 टन सालाना विस्फोटक निर्माण का लाइसेंस मिला.

50 से ज्यादा देशों में करती है एक्सपोर्ट

आज सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया विस्फोटक, ग्रेनेड, सैन्य उपकरण, प्रॉपेलेंट, रॉकेट, पिनाक और अग्नि मिसाइलों के लिए विस्फोटक निर्माण में भारत की अग्रणी कंपनी बन चुकी है. कंपनी के नागपुर में दो बड़े कारखाने हैं और भारत के 8 राज्यों में 25 से अधिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स संचालित हो रही हैं. इसके अलावा कंपनी ने गाम्बिया, नाइजीरिया, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, घाना, ऑस्ट्रेलिया और तंजानिया जैसे देशों में भी अपने व्यवसाय का विस्तार किया है.

4.3 अरब डॉलर के मालिक हैं सत्यनारायण नुवाल

Forbes के अनुसार, सत्यनारायण नुवाल वर्तमान में 4.6 अरब डॉलर (करीब 39,000 करोड़ रुपये) की संपत्ति के मालिक हैं. Solar Industries India Ltd का कुल मार्केट कैप 85,843 करोड़ रुपये है. 7 मार्च 2025 को कंपनी के एक शेयर की कीमत 9,470.30 रुपये थी.

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