टेलीकॉम सर्विसेज की दरें बढ़ाने से पहले देखा जाएगा बाजार का कंडीशन : सुनील भारती मित्तल

दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल का कहना है कि अभी मोबाइल सेवाओं की दरें तार्किक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा दरों पर बाजार में बने रहना मुश्किल है, इसलिए दरों में बढ़ोतरी जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई फैसला करने से पहले बाजार की परिस्थितियों को देखा जाएगा.

By Agency | November 22, 2020 4:48 PM

नयी दिल्ली : दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल का कहना है कि अभी मोबाइल सेवाओं की दरें तार्किक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा दरों पर बाजार में बने रहना मुश्किल है, इसलिए दरों में बढ़ोतरी जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई फैसला करने से पहले बाजार की परिस्थितियों को देखा जाएगा.

अगली पीढ़ी के 5जी नेटवर्क में चीन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं को भागीदारी की मंजूरी मिलेगी या नहीं, एयरटेल के चेयरमैन ने एक साक्षात्कार के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि बड़ा सवाल देश के फैसले का है. देश जो भी फैसला करेगा, हर कोई उसे मानेगा. उन्होंने कहा कि जहां तक दूरसंचार सेवाओं की दरों का सवाल है, कंपनी ने (एयरटेल ने) इस बारे में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. एयरटेल मजबूती से यह मानती है कि दरों में वृद्धि की जानी चाहिए.

मित्तल ने कहा कि मौजूदा दरें टिकाऊ नहीं हैं, लेकिन एयरटेल बिना बाजार के या नियामक के कदम उठाये खुद से पहल नहीं कर सकती. उद्योग जगत को एक समय पर दरें बढ़ाने की जरूरत होगी. हमें ऐसा करते समय बाजार की परिस्थितियों को देखना होगा. मित्तल से यह पूछा गया था कि भारतीय बाजार में दूरसंचार सेवाओं की दरें बढ़ाने के लिए क्या समय अपरिहार्य लगता है और क्या एयरटेल इस दिशा में पहल करेगी या प्रतिस्पर्धियों के कदम उठाने की प्रतीक्षा करेगी?

बता दें कि मित्तल ने इस साल अगस्त में इस बारे में टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि 160 रुपये में एक महीने के लिए 16 जीबी डेटा देना त्रासदी है. कंपनी का कहना है कि टिकाऊ कारोबार के लिए प्रति ग्राहक औसत राजस्व को पहले 200 रुपये और धीरे-धीरे बढ़कर 300 रुपये तक पहुंचना चाहिए. सितंबर तिमाही में भारती एयरटेल का प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) 162 रुपये रहा था. यह राजस्व इससे पहले जून, 2020 तिमाही में 128 रुपये और जून, 2019 तिमाही में 157 रुपये रहा था.

मित्तल ने एक बार फिर से दूरसंचार क्षेत्र में कर की ऊंची दरों तथा अधिक शुल्कों की बात दोहराई. उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र अधिक पूंजी लगाने की जरूरत वाला क्षेत्र है. इसमें नेटवर्क, स्पेक्ट्रम, टावर और प्रौद्योगिकी में लगातार निवेश करते रहने की जरूरत होती है.

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Posted By : Vishwat Sen

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