Loading election data...

RBI आपके बैंक चेक में कर सकता है यह बड़ा बदलाव, सुप्रीम कोर्ट का है सुझाव

New Proforma Cheques to Include Purpose of Payments: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को चेक के एक नये प्रोफाॅर्मा को विकसित करने पर विचार करने के लिए कहा है, ताकि भुगतान के उद्देश्य को शामिल करने के साथ-साथ अन्य मामलों में चेक बाउंस मामलों में वास्तविक मुद्दों को स्थगित करने की सुविधा मिल सके.

By Rajeev Kumar | March 10, 2020 9:16 AM

New Proforma Cheques to Include Purpose of Payments: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को चेक के एक नये प्रोफाॅर्मा को विकसित करने पर विचार करने के लिए कहा है, ताकि भुगतान के उद्देश्य को शामिल करने के साथ-साथ अन्य मामलों में चेक बाउंस मामलों में वास्तविक मुद्दों को स्थगित करने की सुविधा मिल सके.

दरअसल, एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक को सुझावों की ​एक लिस्ट भेजी है. इस लिस्ट में कई ऐसे बदलाव हैं जो चेक बाउंस के मामलों से लेकर कई अन्य प्रक्रियाओं को बदल देगा. इस सुझाव को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े और ​जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ने दिया है. बेंच ने इस प्रकार अपने आदेश में चेक बाउंस मामलों के शीघ्र निर्णय के लिए एक मैकेनिज्म विकसित करने के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए याचिका दर्ज की.

शीर्ष अदालत ने कहा, चेक की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के साथ यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि चेक को अनावश्यक मुकदमेबाजी में दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. भारतीय रिजर्व बैंक चेक के एक नये प्रोफाॅर्मा को विकसित करने पर विचार कर सकता है ताकि भुगतान के उद्देश्य को शामिल किया जा सके, साथ ही अन्य मुद्दों के साथ-साथ वास्तविक मुद्दों को स्थगित करने की सुविधा प्रदान की जा सके.

‘लाइव लॉ’ पर प्रकाशिक खबर के अनुसार, बेंच ने कहा कि इस प्रकृति के मामलों में एक महत्वपूर्ण हितधारक होने के नाते यह बैंक की जिम्मेदारी है कि वे आवश्यक विवरण प्रदान करें और कानून द्वारा अनिवार्य परीक्षण की सुविधा प्रदान करें.

सूचना साझा करने के लिए तंत्र विकसित किया जा सकता है जहां बैंक प्रक्रिया के निष्पादन के उद्देश्य के लिए शिकायतकर्ता और पुलिस के साथ आरोपी, जो खाताधारक है, के पास उपलब्ध सभी आवश्यक विवरण साझा करते हैं. इसमें संबंधित जानकारी को दर्ज करने की आवश्यकता शामिल हो सकती है, जैसे ईमेल आईडी, पंजीकृत मोबाइल नंबर और खाता धारक का स्थायी पता, चेक या अनादर ज्ञापन पर धारक को अनादर के बारे में सूचित करना.

बताते चलें कि वर्तमान में किसी ​भी बैंक के चेक पर बैंक का नाम, अकाउंट नंबर, अकाउंट होल्डर का साइन, बैंक का आईएफएसी कोड, बैंक ब्रांच के पते का ही जिक्र रहता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version