12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

EMI पर ब्याज में छूट मिलेगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने RBI से कहा – वित्त मंत्रालय के साथ बैठक करें और बताएं

Supreme court, RBI Moratorium: कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान लोन ईएमआई चुकाने में मिली मोहलत के दौरान ब्याज लगेगा या नहीं, इसे लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. ईएमआई पर ब्याज लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से सवाल किया है कि क्या ब्याज पर भी मोहलत दी जा सकती है?

कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान लोन ईएमआई चुकाने में मिली मोहलत के दौरान ब्याज लगेगा या नहीं, इसे लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. ईएमआई पर ब्याज लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से सवाल किया है कि क्या ब्याज पर भी मोहलत दी जा सकती है?

देश की शीर्ष अदालत ने वित्त मंत्रालय और आरबीआई के अधिकारियों से तीन दिनों के भीतर संयुक्त बैठक कर ये तय करने को कहा है कि क्या 31 अगस्त तक ईएमआई पर दी गयी मोहलत के साथ ब्याज पर भी मोहलत दी जा सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वो ब्याज माफ करने के लिए नहीं टालने की बात कर रहा है.

कोर्ट ने इस मुद्दे पर वित्त मंत्रालय और आरबीआई को आपस में बैठक करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दोनों की बैठक का इंतजाम करें. मामले में अगली सुनवाई 17 जून को होनी है. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि आर्थिक पहलू लोगों के स्वास्थ्य से बढ़कर नहीं ह. ये सामान्य समय नहीं हैं. एक ओर ईएमआई पर मोहलत दी जा रही है, लेकिन ब्याज में कुछ भी नहीं. यह ज्यादा नुकसान वाली बात है.

Also Read: लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरी सैलरी मिलेगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

बता दें कि रिजर्व बैंक ने हाल ही में लोन मोरेटोरियम की अवधि को 3 महीने और बढ़ाने का विकल्प दिया था. यानी बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से लोन लेने वाले ग्राहकों के पास तीन महीने और यानी कुल 6 महीने तक किस्त टालने का विकल्प मिल गया थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया कि बैंक ईएमआई पर मोहलत देने के साथ- साथ ब्याज लगा रहे हैं जो कि गैर-कानूनी है. इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई और केंद्र से जवाब मांगा था.

पहली सुनवाई में आरबीआई ने कहा था ने कहा कि लोगों को 6 महीने का ईएमआई अभी न देकर बाद में देने की छूट दी गई है, लेकिन इस अवधि का ब्याज भी नहीं लिया गया तो बैंकों को दो लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा. जवाब में ये भी कहा गया है कि अभी ब्याज नहीं लगाया गया तो बाद में ईएमआई पर ब्याज और बढ़ जाएगा और बैंकौं व वित्तीय संस्थानों के लिए ब्याज ही आय का स्त्रोत है.

Posted By: Utpal kant

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें