Supreme Court का बड़ा आदेश, बंद मोबाइल नंबर किसी दूसरे को जारी कर सकती है कंपनी, जानें ट्राई ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि मोबाइल फोन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां वैधानिक 90 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद किसी नए ग्राहक को वो नंबर जारी कर सकती है.
Supreme Court ने उन ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है जो प्रीपेड मोबाइल नंबर अक्सर बदलते रहते हैं. अब उनका नंबर निष्क्रिय या बंद होने के 90 दिनों के बाद सर्विस प्रोवाइडर किसी दूसरे को वो नंबर दे सकते हैं. ज्यादातर ऐसे लोग मोबाइल नंबर को केवल साथ में रखे रहते थे और जरूरत पड़ने पर रिचार्ज करते थे. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि मोबाइल फोन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां वैधानिक 90 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद किसी नए ग्राहक को वो नंबर जारी कर सकती है. मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को हम ऐसा करने से नहीं रोक सकते हैं. ये पूर्व ग्राहक पर निर्भर करता है कि वो अपना व्हाट्सएप या किसी अन्य पर साझा किए गए डेटा को हटा दे. सुप्रीम कोर्ट में वकील राजेश्वरी के द्वारा एक याचिका दायर की गयी थी. इस याचिका में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) को मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को नए ग्राहकों को निष्क्रिय मोबाइल नंबर जारी करने से रोकने का आदेश देने की मांग की गयी थी. इसे लेकर कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय कपूर ने कहा कि बंद मोबाइल नंबरों को फिर से आवंटन करने की प्रक्रिया ‘नंबरिंग संसाधनों’ के प्रशासन से संबंधित है. ये दूरसंचार विभाग के अधीन आता है.
90 दिनों में अपना डाटा सुरक्षित करें पूर्व ग्राहक
वकील राजेश्वरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा कि कोर्ट रिट याचिका के साथ आगे बढ़ने के इच्छुक नहीं है. कोर्ट ने ट्राई के तरफ ये दायर हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट है कि मोबाइल टेलीफोन नंबर, एक बार भी उपयोग न करने के कारण डिएक्टिव हुआ या अनुरोध पर काट दिया गया. हलफनामें ये भी बताया गया है कि बंद नंबर को किसी भी ग्राहक को 90 दिनों तक किसी दूसरे ग्राहक को जारी नहीं किया जाता है. ऐसे में ये पहले वाले ग्राहक की जिम्मेदारी है कि वो पर्याप्त कदम उठाये और नंबर से जुड़े प्राइवेसी को बनाये रखे. कोर्ट में याचिकाकर्ता की तरफ से नंबर से जुड़े गोपनीय डेटा पर चिंता जाहिर की गयी. इस पर बेंच ने कहा कि पूर्व ग्राहक पिछले से जुड़े व्हाट्सएप खाते को हटाकर व्हाट्सएप डेटा के दुरुपयोग को पूरी तरह से रोक सकता है. इसमें फोन नंबर और स्थानीय डिवाइस मेमोरी/क्लाउड/ड्राइव पर स्टोर वाट्सएप डेटा को हटाना भी शामिल है.
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ट्राई ने क्या कहा
ट्राई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में सूचित किया कि DoT ने अप्रैल 2017 में दो निर्देश दिया था. इसमें आदेश दिया गया था कि ग्राहक के अनुरोध पर गैर-उपयोग के लिए निष्क्रिय किए गए ग्राहक के सेलुलर मोबाइल टेलीफोन कनेक्शन को किसी अन्य ग्राहक को आवंटित नहीं किया जाएगा. इसमें बताया गया था कि मोबाइल नंबर बंद होने के 90 दिनों की अवधि के बाद, किसी दूसरे व्यक्ति को जारी किया जाएगा.
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