अदाणी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच की याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट अदाणी ग्रुप से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है और वह शुक्रवार को सुनवाई शुरू करेगा. याचिका सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दाखिल की गई है.
नई दिल्ली : अमेरिकी शॉट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद शेयर बाजार में अदाणी ग्रुप के शेयरों में आई भारी गिरावट के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में एक और जनहित याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट अदाणी ग्रुप से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है और वह शुक्रवार को सुनवाई शुरू करेगा. याचिका सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दाखिल की गई है. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट अदाणी समूह की कंपनियों पर ‘हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट’ की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है. सर्वोच्च अदालत में ये याचिकाएं अधिवक्ता एमएल शर्मा और विशाल तिवारी ने दायर की है. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अधिवक्ता विनय तिवारी से पूछा कि मामला क्या है? इस पर अधिवक्ता विनय तिवारी ने कहा कि इसी तरह की एक याचिका कल भी आ रही हे. यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित है, जिसने देश की छवि को धूमिल किया और नुकसान पहुंचाया है. दूसरे मामले के साथ इस पर भी कल सुनवाई हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट में विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज के नेतृत्व में एक समिति गठित करने की मांग की गई है. मुख्य न्यायाधीश ने अधिवक्ता विशाल तिवारी के अनुरोध पर सहमति व्यक्त की और उनकी जनहित याचिका को दूसरी याचिका के साथ टैग करने का निर्देश दिया, जो कल यानी 10 फरवरी 2023 के लिए सूचीबद्ध है.
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सर्वोच्च अदालत में एक अन्य याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर की गई, जिसमें शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च को धोखाधड़ी का अपराध घोषित करने की मांग की गई है. इन याचिकाओं के माध्यम से हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन के खिलाफ जांच की मांग की गई है. बीती 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट सार्वजनिक की गई थी, जिसमें अदाणी ग्रुप पर दशकों से शेयरों में हेराफेरी और लेखा धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है. हालांकि, उसके इस आरोप का खंडन करते हुए अदाणी ग्रुप की ओर से करीब 413 पन्नों का जवाब हिंडनबर्ग को भेजा गया था. इस जवाब में हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप को भारत के खिलाफ हमला बताया गया था.
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