नयी दिल्ली : कोरोना वायरस संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था के दौर में घरेलू बाजार में काम कर रही कंपनियों ने इस साल कर्मियों के वेतन में औसत 6.1 प्रतिशत की वृद्धि की. यह पिछले एक दशक में सबसे निचला स्तर है. हालांकि, अगले साल औसत वेतन वृद्धि 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
वैश्विक पेशेवर सेवा कंपनी एओन की बुधवार को जारी सर्वेक्षण रपट में कहा गया है कि देश में काम करनेवाली कंपनियों ने कोविड-19 से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद लचीलारुख दिखाया है. 2020 में करीब 71 प्रतिशत कंपनियों ने वेतन में वृद्धि दी, जबकि 2021 में 87 प्रतिशत कंपनियां वेतन वृद्धि करने के पक्ष में हैं.
सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में औसत वेतन वृद्धि 2020 में 6.1 प्रतिशत रही. यह 2009 के 6.3 प्रतिशत के औसत से भी नीचे है. एओन के ‘सैलरी ट्रेंड्स सर्वे इन इंडिया’ में कहा गया है कि अगले साल कंपनियां वेतन में औसत 7.3 प्रतिशत की वृद्धि करेंगी. एओन ने 20 विभिन्न उद्योग क्षेत्रों की 1,050 कंपनियों के बीच सर्वेक्षण किया था.
सितंबर-अक्तूबर 2020 की स्थिति तक 87 प्रतिशत कंपनियों ने 2021 में वेतन वृद्धि देने की प्रतिबद्धता जतायी. जबकि, इसमें 61 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि वह पांच से 10 प्रतिशत की वेतन वृद्धि देंगी. वर्ष 2020 में 71 प्रतिशत कंपनियों ने वेतन वृद्धि दी. इसमें से 45 प्रतिशत ने पांच से 10 प्रतिशत के बीच वेतन वृद्धि दी.
एओन में पार्टनर और कंपनी के प्रदर्शन एवं पारितोष समाधान के भारतीय कारोबार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन सेठी ने कहा, ”यह एक अनोखा साल है. कंपनियां अपने कर्मियों और ग्राहकों में निवेश कर रही हैं. कोविड-19 के गहरे असर के बावजूद कंपनियों ने कर्मचारियों को लेकर परिपक्व और लचीला रुख दिखाया है.”
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.