नयी दिल्ली/बर्न : स्विट्जरलैंड के कर विभाग ने बुधवार को भारतीय कारोबारी रतुल पुरी, उनके पिता और उनसे संबद्ध दो विदेशी कंपनियों को नोटिस जारी किये हैं. भारत के स्विट्जरलैंड से उनके स्विस बैंक खातों में कथित अवैध धन को लेकर उसका ब्योरा मांगे जाने के बाद नोटिस जारी किया गया है. स्विस सरकार के संघीय राजपत्र में प्रकाशित अलग-अलग नोटिस में रतुल पुरी, उनके पिता दीपक पुरी से भारत के प्रशासनिक सहायता के अनुरोध के खिलाफ अपील करने को लेकर 10 दिन के भीतर अपना अधिकृत प्रतिनिधि स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन के समक्ष अधिसूचित करने को कहा गया है.
प्रशासनिक सहायता में आम तौर पर स्विस प्राधिकरणों द्वारा बैंक तथा अन्य वित्तीय ब्योरा साझा करने की बात शामिल होती है. यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब प्रथम दृष्ट्या यह पाया जाता है कि जिस व्यक्ति या कंपनी को लेकर अनुरोध आया है, उस पर कर चोरी या अन्य वित्तीय अनियमितता का संदेह है. इस प्रक्रिया के पहले कदम के तहत स्विस सरकार संबंधित व्यक्ति या कंपनी के नाम से नोटिस जारी करती है और उन्हें प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए 10 दिन का समय दिया जाता है. उसके बाद फैसले के खिलाफ अपील करने को लेकर एक महीने का समय दिया जाता है.
Also Read: स्विट्जरलैंड ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई मजबूत करने के लिए समर्थन जतायाअगर अपील में कोई दम नहीं लगता है, तो जो सूचना देने का आग्रह किया जाता है, उसे संबंधित देश के साथ साझा किया जाता हैं. इसी प्रकार के नोटिस हेंडन ग्लोबल लिमिटेड और ब्रोनसन फाइनेंशियल को जारी किये गये हैं. भारत की जांच एजेंसियां पुरी द्वारा कथित रूप से मनी लांड्रिंग को लेकर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड स्थित दोनों इकाइयों के खिलाफ जांच कर रही हैं. पुरी 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के मामले में केंद्र में हैं. उस पर अलग से बैंक धोखाधड़ी का भी मामला है.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे और हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स के चेयरमैन पुरी पर मनी लांड्रिंग का आरोप है. इस मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग तथा अन्य एजेंसियां एवं नियामक उसके खिलाफ जांच में लगे हैं. फिलहाल, पुरी और उनके समूह से स्विस सरकार के नोटिस के बारे में कोई टिप्पणी नहीं मिली है. हालांकि, वे किसी प्रकार के घोटाले या गड़बड़ी करने से इनकार करते रहे हैं.
इससे पहले, पुरी को बैंक के साथ धोखाधड़ी के मामले में पिछले साल अगस्त में मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉटर घोटाला मामले की जांच जारी है. उन्हें दो दिसंबर, 2019 को अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जमानत मिल गयी. बाद में उन्हें दूसरी अदालत से बैंक धोखाधड़ी मामले में भी जमानत मिल गयी.
प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक धोखाधड़ी मामले में मिली जमानत को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी. कुल 354 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में रतुल पुरी, उनके पिता दीपक पुरी, मां नीता तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.