Vistara Airlines: इंडिगो को टक्कर देने के लिए टाटा ग्रुप ने तैयारी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड, एयर इंडिया एवं विस्तारा के विलय को लेकर गंभीरता से बातचीत कर रहे हैं. सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइन के विलय के बाद एक नए ज्वाइंट वेंचर के तहत लाने की तैयारी है.
लाइव मिंट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड कथित तौर पर एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस के कारोबार के विलय के लिए मंथन कर रहे हैं. संसाधनों को अनुकूलन करने और देश की शीर्ष एयरलाइन इंडिगो के खिलाफ एक साथ प्रतिस्पर्धा करने के उद्देश्य से ज्वाइंट वेंचर पर चर्चा की जा रही है. रिपोर्ट में दो व्यक्तियों का हवाला दिया गया, जिन्होंने नाम न छापने की शर्तों पर बताया कि विलय के हिस्से के रूप में सिंगापुर एयरलाइंस 5,000 से 10,000 करोड़ रुपये तक की 25 फीसदी तक की अल्पमत हिस्सेदारी बनाए रख सकती है.
वहीं, मर्जर के पूरा होने में लगभग एक साल का वक्त लग सकता है. सूत्रों के मुताबिक, एयर इंडिया और विस्तारा का ज्वाइंट वैल्यूएशन कम से कम 30,000 करोड़ रुपये हो सकता है. सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) विस्तारा में टाटा संस का वर्तमान संयुक्त उद्यम भागीदार है. दोनों संयुक्त उद्यम भागीदारों के बीच इस बात पर चर्चा चल रही है कि उड्डयन में भारत के भविष्य के अवसरों का सर्वोत्तम लाभ कैसे उठाया जाए. कॉरपोरेट ढांचा क्या उभरेगा, इस पर अभी भी चर्चा चल रही है.
बताया जा रहा है कि मर्जर का उद्देश्य इंडिगो एयरलाइन को चुनौती देना है. बताते चलें कि घरेलू मार्केट में इंडिगो का दबदबा है और आसमान में इसकी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से भी ज्यादा है. मर्जर के बाद टाटा संस को अपने विमानन व्यवसाय बैलेंस शीट को मजबूत करने में मदद मिल सकती है. हालांकि, ब्रांड को लेकर सवाल बना हुआ है. इस मुद्दे पर टाटा संस और विस्तारा के प्रवक्ताओं ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. वहीं, सिंगापुर एयरलाइंस के प्रवक्ता का कहना है कि हम किसी भी गोपनीय चर्चा पर टिप्पणी नहीं करते हैं.
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