Tata Group का नया कीर्तिमान, मार्केट कैप के मामले में पाकिस्तान की जीडीपी को पछाड़ा
Tata Group Market Cap Vs Pakistan GDP: शेयर मार्केट के ताजा आंकड़ों में टाटा समूह की कंपनियों का मार्केट कैप 365 बिलियन डॉलर आंका गया है. जबकि आईएएफ के मुताबिक पाकिस्तान का जीडीपी 341 बिलियन डॉलर है.
Tata Group Market Cap Vs Pakistan GDP: देश के सबसे बड़े टाटा समूह ने बड़ा कीर्तिमान कायम किया है. समूह ने पाकिस्तान के जीडीपी को अपने मार्केट कैप से पछाड़ दिया है. शेयर मार्केट के ताजा आंकड़ों में टाटा समूह की कंपनियों का मार्केट कैप 365 बिलियन डॉलर आंका गया है. जबकि आईएएफ के मुताबिक पाकिस्तान का जीडीपी 341 बिलियन डॉलर है. टाटा समूह की कंपनी टीसीएस भारत में रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है, जिसका मार्केट कैप अकेले 176 बिलियन डॉलर है. यानी पाकिस्तान के जीडीपी का आधा अकेले टीसीएस का मार्केट कैप है.
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कर्ज में डूब रही पाकिस्तान की इकोनॉमी
वर्ल्ड बैंक के ताजा अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान का जीडीपी 376 बिलियन डॉलर आंका गया है, जो टाटा समूह के कंबाइंड मार्केट कैप से थोड़ा ज्यादा है. इस माह की शुरुआत में ही टाटा ग्रुप का कंबाइंड मार्केट कैप 30 लाख करोड़ हो गया. इससे वह इस मुकाम पर पहुंचने वाला भारत का पहला समूह बन गया है. टाटा समूह के मार्केट कैप को बढ़ाने में टीसीएस, टाटा मोट्र्स, टाटा पावर और इंडियन होटल्स का योगदान है. 2023 में एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व वाले समूह ने मार्केट शेयर में 6,13000 करोड़ रुपये अर्जित किए.
बता दें कि पाकिस्तान की इकोनॉमी बीते कुछ सालों में गोते लगा रही है. इसका कारण कर्ज का बढ़ना, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और राजनीतिक अस्थिरता रहा है. 2011 के बाद पाकिस्तान का बाहरी कर्ज दोगुना हो चुका है. वहीं उसके घरेलू कर्ज में छह गुना की बढ़ोतरी हुई है. इंस्लामाबाद के एक थिंक टैंक Tabadlab ने पाकिस्तान की कर्ज की स्थिति को भयावह बताया है. बीते साल ही Imf ने पाकिस्तान को 3 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया है.
कर्नाटक में 2,300 करोड़ रुपये का करेगी निवेश
टाटा समूह की कंपनियां एयर इंडिया और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने कर्नाटक में करीब 1,650 लोगों को रोजगार प्रदान करने वाली विभिन्न परियोजनाओं के लिए 2,300 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है. सोमवार को आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और बड़े एवं मझोले उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल यहां इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर के समय उपस्थित रहे. आधिकारिक बयान के अनुसार, एअर इंडिया एक रखरखाव मरम्मत व कायापलट (एमआरओ) सुविधा स्थापित करने और बेंगलुरु को दक्षिण भारत में विमानन केंद्र बनाने की योजना बना रही है. बयान में कहा गया है कि परियोजना के लिए करीब 1,300 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इससे 1,200 लोगों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजन सुनिश्चित होगा. टीएएसएल कुल 1,030 करोड़ रुपये के निवेश के साथ तीन परियोजनाएं स्थापित करने की योजना बना रही है. बयान में कहा गया है कि ये सभी परियोजनाएं भारत में अपनी तरह की पहली परियोजनाएं हैं. ये बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और कोलार में स्थित होंगी. ये कर्नाटक के एयरोस्पेस और रक्षा परिवेश तंत्र को और मजबूत करेंगी.
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