Tata Group Mega Merger Plan: टाटा समूह दक्षता बढ़ाने और लागत घटाने के लिए अपनी सात धातु कंपनियों का टाटा स्टील में विलय करेगा. यह विलय शेयर अदला-बदली की प्रक्रिया के जरिये किया जाएगा. टाटा स्टील ने यह जानकारी दी. टाटा स्टील के निदेशक मंडल ने टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड, टाटा मेटालिक्स, द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया, टीआरएफ लिमिटेड, इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स, टाटा स्टील माइनिंग और एस एंड टी माइनिंग के विलय की मंजूरी दी है.
इस बीच, कंपनी ने टाटा मेटालिक्स और टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड के विलय की पहले की योजना वापस ले ली है. कंपनी ने विलय योजना के पीछे वजह बताते हुए कहा कि इन इकाइयों को एकसाथ लाकर शेयरधारक मूल्य बढ़ाने में मदद मिलेगी. बयान में कहा गया कि विलय से इकाइयों के संसाधनों का कुशल तरीके से उपयोग किया जा सकेगा. विपणन और वितरण नेटवर्क में भी सामंजस्य हो सकेगा. ऐसा कहा जा रहा है कि टाटा समूह 2024 तक एयरलाइन कंपनियों एयर एशिया इंडिया और विस्तारा को एक करने पर भी विचार कर रहा है.
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विलय योजना के तहत शेयर अदला-बदली का अनुपात टीआरएफ के लिए 17:10 (टीआरएफ के 10 शेयरों के बदले टाटा स्टील के 17 शेयर), टीएसपीएल के लिए 67:10 (टीएसपीएल के 10 शेयर के बदले टाटा स्टील के 67 शेयर), टिनप्लेट के लिए 33:10 (टिनप्लेट के 10 शेयर के बदले टाटा स्टील के 33 शेयर), टाटा मेटलिक्स के लिए 79:10 (टाटा मेटलिक्स के 10 शेयर के बदले टाटा स्टील के 79 शेयर). इन सभी अनुषंगियों में टाटा स्टील की बहुलांश हिस्सेदारी है. ‘टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ में टाटा स्टील की 74.91 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसके अलावा उसकी ‘द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड’ में 74.96 प्रतिशत, ‘टाटा मेटालिक्स लिमिटेड’ में 60.03 प्रतिशत और ‘द इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ में 95.01 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि ‘टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड’ और ‘एस एंड टी माइनिंग कंपनी लिमिटेड’ दोनों उसके पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां हैं. बोर्ड ने टाटा स्टील की सहयोगी कंपनी ‘टीआरएफ लिमिटेड’ (34.11 प्रतिशत हिस्सेदारी) की भी टाटा स्टील लिमिटेड में विलय को मंजूरी दी. (इनपुट : भाषा)
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