14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

टाटा का कमाल: बिजली से चार्ज होकर ग्रिड को पावर देंगे इलेक्ट्रिक वाहन

Vehicle to Grid: टाटा पावर-डीडीएल ने कहा कि परियोजना का मकसद परिवहन और ऊर्जा क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन को कम करना है. यह परियोजना हमारे पावर ग्रिड के प्रबंधन और ईवी को निर्बाध रूप से एकीकरण के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है.

Vehicle to Grid: देश में अब वह दिन दूर नहीं जब बिजली से चार्ज होने वाले इलेक्ट्रिक वाहन ग्रिड को पावर सप्लाई करेंगे. व्हीकल टू ग्रिड तकनीक से इलेक्ट्रिक वाहन पहले बिजली से चार्ज होंगे और फिर इसके बाद इनसे ग्रिड को बिजली सप्लाई की जाएगी. यह कमाल इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के साथ मिलकर टाटा ग्रुप की बिजली वितरण और उत्पादक कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टाटा पावर डीडीएल) करने जा रही है. इसके लिए टाटा पावर डीडीएल ने इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के साथ समझौता किया है. इस समझौते पर टाटा पावर-डीडीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गजानन एस काले और इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के अध्यक्ष रेजी कुमार पिल्लई ने हस्ताक्षर किए हैं.

क्या है व्हीकल टू ग्रिड तकनीक

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, व्हीकल टू ग्रिड एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बैटरी से बिजली को पावर ग्रिड में वापस भेजा सकता है. यह तकनीक ग्रीन पावर के सोर्स हैं, लेकिन ग्रिड का बैलेंस बनाए रखने के लिए पावर स्टोरेज की समस्या बनी हुई है. ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी कैपिसटी का उपयोग ऊर्जा के भंडारण और व्हीकल टू ग्रिड (वी2जी) तकनीक का इस्तेमाल की जरूरत पड़ने पर ग्रिड को बिजली वापस देने के लिए किया जा सकता है.

इस पहल का क्या है उद्देश्य

कंपनी की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार, व्हीकल टू ग्रिड पहल का मकसद फ्रीक्वेंसी और वोल्टेज समर्थन जैसी जरूरी ग्रिड सेवाएं देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की क्षमता का पता लगाना है. इसके साथ ही, बिजली कटौती के दौरान बैकअप पावर स्रोतों के रूप में उनकी व्यवहार्यता का टेस्ट करना है. इस पायलट परियोजना का उद्देश्य यह है कि इलेक्ट्रिक वाहन ग्रिड के साथ किस तरह तालमेल बैठा सकते हैं.

क्या कहती है टाटा पावर डीडीएल

उत्तरी दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर-डीडीएल ने कहा कि परियोजना का मकसद परिवहन और ऊर्जा क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन को कम करना है. कंपनी के सीईओ गजानन एस काले ने कहा कि यह पहल स्थायी ऊर्जा समाधानों और भविष्य के लिए तैयार ग्रिड को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है. यह परियोजना हमारे पावर ग्रिड के प्रबंधन और ईवी को निर्बाध रूप से एकीकरण के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है.

रिकॉर्ड ऊंचाई से लुढ़क गई चांदी, लखपति बनने से साढ़े चार कदम दूर

अमेरिका की डेलावेयर यूनिवर्सिटी परियोजना का भागीदार

वहीं, आईएसजीएफ के अध्यक्ष रेजी कुमार पिल्लई ने कहा कि यह परियोजना न केवल व्हीकल-टू-ग्रिड तकनीक क्षमताओं का प्रदर्शन करेगी, बल्कि इसकी व्यावसायिक व्यवहारिकता का भी पता लगाएगी, जिससे अधिक टिकाऊ तथा कुशल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा. बयान में कहागया है कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी), केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और टाटा मोटर्स इस परियोजना के पर्यवेक्षक हैं. वी2जी तकनीक का भागीदार अमेरिका की डेलावेयर यूनिवर्सिटी है. पिल्लई ने कहा कि हम परियोजना में विभिन्न पक्षों को साथ ला रहे हैं, ताकि वी2जी अनुरूप ईवी जल्द ही भारत में पेश किए जा सकें और इसको आगे बढ़ाने वाले नियम भी जारी किए जा सकें.

364-383 रुपये के प्राइस बैंड पर आ गया ऑफिस स्पेस के आईपीओ

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें