Tata Motors DVR ने बनाया रिकार्ड, 18% उछाला, जानें क्या होता है डीआरवी शेयर, क्यों कंपनियां करती हैं जारी
Tata Motors DVR में 18 प्रतिशत का उछाला आया. इसके बाद ये 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर 440 रुपये प्रति शेयर को छू गया.
Tata Motors के द्वारा इस वित्त वर्ष के पहले तिमाही का नतीजा जारी कर दिया गया है. इसके बाद बुधवार को कंपनी के DVR शेयर ने बाजार में एक नया रिकार्ड बनाया है. Tata Motors DVR में 18 प्रतिशत का उछाला आया. इसके बाद ये 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर 440 रुपये प्रति शेयर को छू गया. दरअसल, कंपनी के द्वारा पहली तिमाही के नतीजे जारी करते हुए डीआरवी शेयर को रद्द करने की बात कही गयी थी. इसके साथ ही, शेयरधारकों को 10 डीवीआर शेयरों के बदले दो रुपये की फेस वैल्यू वाले 7 टाटा मोटर्स के शेयर जारी करने की बात कही गयी थी. इसके बाद, आज बाजार खुलते ही, Tata Motors DVR ने स्पीड पकड़ लिया. इससे पहले टाटा मोटर्स ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज से एडीआर को डीलिस्ट करने की भी घोषणा की थी. कंपनी के द्वारा ये घोषणा जनवरी के महीने में किया गया था.
क्या होता है डीवीआर शेयर?
डीवीआर का अर्ष है Differential Voting Rights. डीवीआर शेयर किसी कंपनी द्वारा जारी किए गए शेयरों का एक वर्ग है जो शेयरधारकों को अलग-अलग वोटिंग अधिकार प्रदान करता है. इन शेयरों को सुपर वोटिंग राइट्स शेयर या क्लास बी शेयर के रूप में भी जाना जाता है. डीवीआर शेयरों की मुख्य विशेषता यह है कि उनके पास वोटिंग अधिकार होते हैं जो कंपनी के नियमित इक्विटी शेयरों से अलग होते हैं. ज्यादातर मामलों में, डीवीआर शेयरों में सामान्य शेयरों की तुलना में कम वोटिंग अधिकार होते हैं, जिसका अर्थ है कि डीवीआर शेयरों के धारकों के पास कॉर्पोरेट निर्णयों में मतदान की शक्ति सीमित होती है. कंपनियां अक्सर मौजूदा प्रमोटरों या प्रमुख शेयरधारकों के नियंत्रण को कम किए बिना पूंजी जुटाने के लिए डीवीआर शेयर जारी करती हैं. कम वोटिंग अधिकार वाले शेयर जारी करके, कंपनी शेयरधारकों के एक विशिष्ट समूह के हाथों में नियंत्रण बनाए रखते हुए धन जुटा सकती है. डीवीआर शेयर आमतौर पर सामान्य शेयरों की तुलना में रियायती मूल्य पर पेश किए जाते हैं, जो निवेशकों को उनके पास कम वोटिंग अधिकारों के लिए मुआवजा देता है. छूट का उद्देश्य निवेशकों को कम मतदान शक्ति के बावजूद इन शेयरों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना है.
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टाटा मोटर्स ने पहली तिमाही में कमाया 3,300.65 करोड़ रुपये
टाटा मोटर्स का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ बढ़कर 3,300.65 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजारों को यह जानकारी दी. कंपनी को पिछले साल इसी अवधि में 4,950.97 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ था. टाटा मोटर्स ने बताया कि उसकी ब्रिटेन स्थित इकाई जगुआर लैंड रोवर और वाणिज्यिक वाहन कारोबार के बेहतर प्रदर्शन के चलते तिमाही नतीजे बेहतर रहे. कंपनी ने बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में उसकी एकीकृत परिचालन आय 1,01,528.49 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले इसी अवधि में 71,227.76 करोड़ रुपये थी. टाटा मोटर्स ने बताया कि इस दौरान उसका कुल खर्च 98,266.93 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले समान तिमाही में 77,783.69 करोड़ रुपये था.
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टाटा कमर्शियल व्हीकल्स की आय बढ़ी
कंपनी ने बताया कि उसका एकल शुद्ध घाटा कम होकर 64.04 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 181.03 करोड़ रुपये था. एकल परिचालन आय सालाना आधार पर 14,793.12 करोड़ रुपये से बढ़कर 15,733.05 करोड़ रुपये हो गई. समीक्षाधीन तिमाही में जेएलआर और वाणिज्यिक वाहनों के कारोबार में तेजी से सुधार हुआ, जबकि यात्री वाहन कारोबार स्थिर था. टाटा मोटर्स समूह के मुख्य वित्त अधिकारी पी बी बालाजी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत सही रही है और सभी वाहन खंडों ने मजबूत प्रदर्शन किया है. प्रत्येक व्यवसाय की विशिष्ट रणनीति के नतीजे अब देखने को मिल रहे हैं और ये खंड संरचनात्मक रूप से मजबूत बन रहे हैं. साल के बाकी हिस्से में हमें इस गति के बने रहने और अपने घोषित लक्ष्यों को हासिल करने का पूरा भरोसा है. समीक्षाधीन अवधि में जेएलआर की आय 6.9 अरब पाउंड थी, जो सालाना आधार पर 57 प्रतिशत अधिक है, जबकि कर पूर्व लाभ 43.5 करोड़ पाउंड था. कंपनी ने कहा कि टाटा कमर्शियल व्हीकल्स की आय 4.4 प्रतिशत बढ़कर 17,000 करोड़ रुपये हो गई.
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