Tata Motors Share Price: टाटा मोटर्स को तगड़ा झटका, Q3 में मुनाफा 22% गिरकर ₹5,451 करोड़

Tata Motors Share Price: टाटा मोटर्स को तगड़ा झटका लगा है, Q3 में मुनाफा 22% गिरकर ₹5,451 करोड़ पहुंच गया. कमजोर मार्जिन और जेएलआर में गिरावट से कंपनी का प्रदर्शन प्रभावित हुआ.

By Abhishek Pandey | January 30, 2025 10:03 AM
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Tata Motors Share Price and Q3 Results: टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 5,451 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 22% कम है. यह गिरावट मुख्य रूप से कमजोर मार्जिन और जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) की धीमी बिक्री के कारण देखी गई. हालांकि, कुल राजस्व में मामूली सुधार हुआ है.

कुल राजस्व और मार्जिन में बदलाव

कंपनी का परिचालन से राजस्व साल-दर-साल 2.7% बढ़कर 1,13,575 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, EBITDA मार्जिन में 60 आधार अंकों की गिरावट आई और यह 13.7% पर आ गया. EBIT 10,000 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जिसमें 60 आधार अंकों का सुधार देखा गया.

जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर)

लक्जरी वाहन ब्रांड जेएलआर ने 7.5 बिलियन पाउंड का रिकॉर्ड राजस्व दर्ज किया, जो साल-दर-साल 1.5% अधिक है. हालांकि, EBIT मार्जिन 9% रहा, जो एक दशक में सबसे अधिक है. EBITDA मार्जिन 200 आधार अंकों की गिरावट के साथ 14.2% पर आ गया. जेएलआर का कर-पूर्व लाभ 523 मिलियन पाउंड रहा, जो पिछले साल के 627 मिलियन पाउंड से कम है. चीन में मांग में गिरावट के चलते कंपनी सतर्क बनी हुई है.

वाणिज्यिक वाहन (CV) खंड

इस खंड का राजस्व सालाना आधार पर 8.4% घटकर 18,431 करोड़ रुपये रह गया. कमजोर बिक्री और प्रतिकूल उत्पाद मिश्रण के कारण यह गिरावट देखी गई. हालांकि, सामग्री लागत में बचत और पीएलआई (Production-Linked Incentive) योजना से समर्थन के कारण EBITDA मार्जिन 130 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 12.4% पर पहुंच गया.

यात्री वाहन (PV) खंड

इस खंड में राजस्व 4.3% गिरकर 12,354 करोड़ रुपये रहा. हालांकि, लागत में कटौती और पीएलआई योजना के समर्थन से EBITDA मार्जिन 120 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 7.8% पर पहुंच गया. टाटा मोटर्स के इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर 19% की वृद्धि दर्ज की गई, हालांकि FAME II सब्सिडी समाप्त होने से बेड़े की बिक्री प्रभावित हुई.

टाटा मोटर्स का कुल लाभ और नकदी प्रवाह 

टाटा मोटर्स का कर-पूर्व लाभ 7,700 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 75 करोड़ रुपये कम है. ऑटोमोटिव फ्री कैश फ्लो 4,700 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो उच्च वॉल्यूम के कारण संभव हुआ. वित्त लागत 760 करोड़ रुपये घटकर 1,725 ​​करोड़ रुपये रह गई, जिससे सकल ऋण में कमी देखी गई.

भविष्य की रणनीति और आउटलुक 

कंपनी को उम्मीद है कि बुनियादी ढांचे में बढ़ते निवेश, नए उत्पाद लॉन्च और स्थिर ब्याज दरों से मांग में सुधार होगा. चौथी तिमाही में जेएलआर की बिक्री में और वृद्धि होने की संभावना है, हालांकि चीन में मांग को लेकर कंपनी सतर्क बनी हुई है. टाटा मोटर्स के ग्रुप सीएफओ पीबी बालाजी ने कहा, “हमने तीसरी तिमाही में सभी क्षेत्रों में सुधार देखा है. हमारी वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है और बाहरी चुनौतियों के बावजूद हमें अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है.”

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