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Tata iPhone Plant: टाटा द्वारा संचालित आईफोन प्लांट देश के लिए कैसे साबित होगा वरदान? जानें

Tata iPhone Plant: टाटा ग्रुप की दक्षिण भारत में iPhone एसेंबली संयंत्र का अधिग्रहण करने में सफल होने से देश की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण हब बनने की महत्वाकांक्षा को काफी मदद मिलेगी. इस बात की जानकारी टाटा कंसल्टेंसी सर्विस में कार्यरत एक टॉप एग्जीक्यूटिव ने दी.

Tata iPhone Manufacturing Plant: देश की सबसे बड़ी कंपनियों की श्रेणी में आने वाली कंपनी Tata आने वाले कुछ ही समय के अंदर देश में अपनी खुद की iPhone मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की शुरुआत करने की तैयारी कर रही है. रिपोर्ट्स की अगर माने तो मार्च के महीने तक साउथ ईस्ट में हमें देश की पहली iPhone मैन्युफैक्चरिंग प्लांट देखने को मिल सकती है. इसके लिए कंपनी अभी तैयारी कर ही रही है और अगर सबकुछ सही रहा तो जल्द ही Tata और Apple पार्टनरशिप के पेपर्स पर साइन भी कर सकती है. देश में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के खुलने से क्या बदलाव होगा इसके बारे में आज TCS के ऑपरेटिंग चीफ N Ganapathy Subramaniam ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी.

N Ganapathy Subramaniam ने दी प्रतिक्रिया

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड के ऑपरेटिंग चीफ एन गणपति सुब्रमण्यम (N Ganapathy Subramaniam) ने आज अपने एक बयान में बताया कि- मैं इसमें सीधे तौर पर शामिल नहीं हूं, लेकिन यह वास्तव में भारत के लिए अच्छा होना चाहिए क्योंकि यह भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण का एक अवसर पैदा करने वाला है. आगे बताते हुए उन्होंने बताया कि 128 बिलियन डॉलर का टाटा समूह ऐप्पल इंक के ताइवानी सप्लायर विस्ट्रॉन कॉर्प के साथ महीनों से बातचीत कर रहा है और मार्च के अंत तक बेंगलुरु के पास अपनी असेंबली फैक्ट्री की खरीद पर मुहर लगाना चाहता है. साल्ट-टू-एयरलाइन ग्रुप प्रौद्योगिकी में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है और भारतीय सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स में चीन के दबदबे को चुनौती देने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं.

31 मार्च से पहले पूरी की जा सकती है यह डील

अगर आप नहीं जानते तो बता दें इस समय iPhone का कुल 85 प्रतिशत चीन में बनाया जाता है. अगर टाटा का साथ एपल की यह डील पूरी हो जाती है तो चीन के ऊपर से इस निर्भरता को कम किया जा सकता है. खबरों की अगर माने तो विस्ट्रॉन के साथ टाटा ग्रुप की यह डील 31 मार्च 2023 से पहले पूरी कर ली जाएगी. इस डील का पूरा होने के बाद टाटा ग्रुप विस्ट्रॉन की जगह ले लेगी. एक बार यह डील पूरी हो जाए तो टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को भारत सरकार की तरफ से दिए जा रहे इंसेंटिव का भी लाभ मिल जाएगा. यह लाभ 1अप्रैल 2023 से मिलना शुरू होगा.

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