Tata Sons AGM: टाटा संस और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन अब अलग-अलग होंगे, एजीएम में बदलाव को मिली मंजूरी
Tata Sons AGM: टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की मंगलवार को एजीएम हुई. इस दौरान एक बार फिर साइरस मिस्त्री के अगुवाई वाले शापूरजी पलौंजी ग्रुप (SP Group) और टाटा ग्रुप में टकराव देखने को मिला.
Tata Sons AGM: देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा समूह (Tata Group) की होल्डिंग कंपनी टाटा संस (Tata Sons) की मंगलवार को एजीएम हुई. इस दौरान एक बार फिर साइरस मिस्त्री के अगुवाई वाले शापूरजी पलौंजी ग्रुप (SP Group) और टाटा ग्रुप में टकराव देखने को मिला. इस बैठक में टाटा संस ने चेयरमैन की नियुक्ति से संबंधित नियम में बदलाव को मंजूरी दी, लेकिन एसपी ग्रुप ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन के पद अलग हुए
जानकारी के मुताबिक, टाटा ग्रुप ने आने वाले समय में साइरस मिसस्त्री जैसे विवाद की स्थिति को दूर करने के लिए एक अहम बदलाव किया है. इस संबंध में टाटा संस के शेयरहोल्डर्स की सालाना आम बैठक में आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन समेत कुछ संशोधनों को मंजूरी दे दी गई. इसके बाद अब टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन के पद अलग हो गए हैं. अब इन दोनों पदों पर किसी एक ही व्यक्ति की नियुक्ति नहीं हो पाएगी. बता दें कि साल 2012 तक रतन टाटा टाटा संस और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रहे हैं. इसके बाद टाटा संस के चेयरमैन साइरस मिस्त्री और फिर एन चंद्रशेखरन रहे. ये दोनों जब टाटा संस के चेयरमैन बने उसी समय पर इन्हें टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन नहीं बनाया गया था. हालांकि, तब ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं था. लेकिन, अब संशोधन के बाद कानूनी रूप से टाटा संस और टाटा ट्र्स्ट का चेयरमैन अलग होगा.
टाटा के चेयरमैन को बनाने व हटाने के लिए बनेगी कमेटी
बता दें कि टाटा संस के एओए में किसी भी बदलाव के लिए बैठक में उपस्थित 75 प्रतिशत शेयरधारकों की मंजूरी और एक विशेष प्रस्ताव पारित करने की आवश्यकता होती है. वैसे प्रस्ताव के पक्ष में टाटा का पर्याप्त समर्थन था. टाटा संस में चेयरमैन की नियुक्ति के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा. ये कमेटी तय करेगी कि कौन चेयरमैन होगा. अगर चेयरमैन को हटाना हो तो भी यही कमेटी फैसला लेगी.
मिस्त्री विवाद में टाटा ग्रुप की साख को लगा था बट्टा
दरअसल, मिस्त्री विवाद में टाटा ग्रुप की साख को बट्टा लगा था. यही वजह है कि भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए टाटा ग्रुप ने पक्का इंतजाम कर दिया है. मंगलवार को हुई एजीएम में कंपनी के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन की धारा 118 में बदलाव को मंजूरी दी गई. इसके मुताबिक, अब कोई व्यक्ति एक साथ टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन नहीं बन सकता है. जानकारों का कहना है कि इससे भविष्य में मिस्त्री जैसे विवाद से बचने में मदद मिलेगी. इससे यह सुनिश्चित होगा कि ग्रुप में किसी एक व्यक्ति का दबदबा नहीं रहेगा और ग्रुप प्रोफेशनल तरीके से काम कर सकेगा.
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