Tata Steel in Britain: टाटा स्टील ने अगले तीन साल में अपने ब्रिटेन स्थित संयंत्र को कार्बन-मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है. कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) टी वी नरेंद्रन ने यह जानकारी दी. कंपनी ने कार्बन-मुक्तिकरण योजना के तहत ब्लास्ट फर्नेस (बीएफ) विधि की जगह कम उत्सर्जन वाली इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (ईएएफ) विधि को अपनाया जाएगा.
Tata Steel in Britain: भारतीय कंपनी टाटा स्टील, साउथ वेल्स के पोर्ट टालबोट में स्थित ब्रिटेन की सबसे बड़ी 30 लाख टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) क्षमता वाली इस्पात कंपनी की मालिक है. इसमें करीब 8,000 लोग काम करते हैं.
Tata Steel in Britain: कंपनी के सीईओ टीवी नरेंद्रन ने कहा कि मजदूर संघों के साथ बातचीत चल रही है. हमें कई अनुमतियों की भी आवश्यकता है. कुछ बुनियादी ढांचे का उन्नयन करना है. बहुत सारे काम करने की जरूरत है. इस पर काम पहले ही शुरू हो चुका है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले तीन साल में हम ये प्रक्रिया पूरी कर लेंगे.
Tata Steel in Britain: उन्होंने कंपनी को कार्बन-मुक्त करने की योजना की समयसीमा के बारे में एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की. नरेंद्रन ने पहले कहा था कि ब्रिटेन सरकार की वित्तीय सहायता के बिना यह संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि कंपनी नए संयंत्र के लिए मशीनरी हासिल करने के संबंध में कुछ यूरोपीय आपूर्तिकर्ताओं से बात कर रही है.
Also Read: Share Market में टॉप 9 कंपनियों का मार्केट कैप 97,463 करोड़ रुपये बढ़ा, जानें कैसा रहेगा इस हफ्ते बाजारTata Steel in Britain: कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए ब्रिटेन की ऋषि सुनक (Rishi Sunak) सरकार ने कंपनी को 5,150 करोड़ रुपये का ग्रांट देने का ऐलान किया है. ब्रिटिश सरकार ने टाटा स्टील के प्लांट से कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए ये ग्रांट दिया है.
Tata Steel in Britain: दरअसल, टाटा स्टील और ब्रिटिश सरकार ने संयुक्त रूप से 1.25 अरब पाउंड के निवेश के साथ पोर्ट टैलबोट साइट पर हाईटेक इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस स्टील प्लांट लगाने के लिए डील किया है. इसके लिए ब्रिटेन की सरकार ने करीब 50 करोड़ पाउंड का ग्रांट कंपनी को दिया है.
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