रूस के कोकिंग कोल से इस्पात बनाने की तैयारी में टाटा स्टील, शुरू हुआ परीक्षण

Tata Steel News, Russia, Coking Coal: स्टील जगत की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में शामिल टाटा स्टील अब रूस के कोकिंग कोल से इस्पात का निर्माण करेगी. ब्लास्ट फर्नेस से इस्पात निर्माण में रूस के कोकिंग कोल के नमूनों का परीक्षण शुरू भी कर दिया है. कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) टीवी नरेंद्रन ने यह जानकारी दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2020 8:41 PM

Tata Steel News, Russia, Coking Coal: जमशेदपुर/नयी दिल्ली : स्टील जगत की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में शामिल टाटा स्टील अब रूस के कोकिंग कोल से इस्पात का निर्माण करेगी. ब्लास्ट फर्नेस से इस्पात निर्माण में रूस के कोकिंग कोल के नमूनों का परीक्षण शुरू भी कर दिया है. कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) टीवी नरेंद्रन ने यह जानकारी दी है.

घरेलू इस्पात उद्योग की दृष्टि से इसे काफी महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. परीक्षण के नतीजे अच्छे रहे, तो भारत को कोकिंग कोल की आपूर्ति में ऑस्ट्रेलिया का एकाधिकार समाप्त हो जायेगा. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत सालाना 72,000 करोड़ रुपये के 5.6 करोड़ टन कोकिंग कोयले का आयात करता है.

इसमें से 4.5 करोड़ टन का आयात अकेले प्रायद्वीपीय देशों से किया जाता है. भारत की कोकिंग कोल के आयात को लेकर चुनिंदा देशों पर निर्भरता कम करने के इस्पात मंत्रालय के प्रयासों में कंपनी के योगदान पर श्री नरेंद्रन ने कहा, ‘हमने रूस से कुछ कोकिंग कोयले का आयात किया है. रूस का पूर्वी तट इसका अच्छा स्रोत है.’

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इससे पहले मंत्रालय ने इस्पात विनिर्माताओं से रूस से कोकिंग कोयला मंगाकर उसका अपने संयंत्रों में कच्चे माल के रूप में परीक्षण करने और उसके नतीजों की जानकारी देने को कहा था. लौह अयस्क के अलावा कोकिंग कोयला ब्लास्ट फर्नेस के जरिये से इस्पात विनिर्माण में काम आने वाला कच्चा माल है.

उन्होंने कहा, ‘हम सरकार की रूस को कोकिंग कोयले के स्रोत रूप में देखने की पहल का समर्थन करते हैं. यह एक अच्छा विकल्प है. अन्यथा हम ऑस्ट्रेलिया पर अत्यधिक निर्भर रहेंगे.’ श्री नरेंद्रन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में कई बार चक्रवात तथा मौसम के मुद्दे रहते हैं. कई कारणों से एक से अधिक विकल्प होना हमारे लिए अच्छा है.

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टाटा स्टील झारखंड स्थित अपने जमशेदपुर प्लांट में 1.1 करोड़ टन सालाना तथा ओड़िशा के कलिंगनगर संयंत्र में 30 लाख टन सालाना ब्लास्ट फर्नेस के जरिये इस्पात बनाता है. परीक्षण के नतीजों के बारे में संपर्क किये जाने पर टाटा स्टील के प्रवक्ता ने कहा, ‘अभी इसके संबंध में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है.’

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Posted By : Mithilesh Jha

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