Tata Steel Layoff: टाटा स्टील करने वाली है बड़ी छंटनी, इस प्लांट के 800 कर्मचारियों की जाएगी नौकरी,जानें अपडेट

Tata Steel Layoff: टाटा स्टील की डच यूनिट ने इस बारे में कहा कि कंपनी मार्केट में अपने पोजीशन में सुधार लाने और लागत में कमी लाने के कई प्रयास कर रही है. इसके बाद भी अभी कुछ और किये जाने की जरूरत है.

By Madhuresh Narayan | November 14, 2023 8:35 AM
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Tata Steel Layoff: टाटा समूह की बड़ी कंपनी टाटा स्टील (Tata Steel) अपने प्लांट से करीब 800 कर्मचारियों की छंटनी करने का प्लान बना रही है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी नीदरलैंड (Netherlands) बेस्ड यूनिट की IJmuiden से कर्मचारियों के छटनी के बारे में सोच रही है. ये प्लांट एमस्टरडम (Amsterdam) से 30 किलोमीटर दूर है. इसमें वर्तमान में करीब 9200 कर्मचारी काम करते हैं. टाटा स्टील की डच यूनिट ने इस बारे में कहा कि कंपनी मार्केट में अपने पोजीशन में सुधार लाने और लागत में कमी लाने के कई प्रयास कर रही है. इसके बाद भी अभी कुछ और किये जाने की जरूरत है. पर्यावरण के लिहाज से एक स्वच्छ कंपनी में खुक को परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण निवेश किए गए हैं. कंपनी आने वाले दिनों में प्लांट में और भी ज्यादा निवेश करेगी. टाटा स्टील के इस फैसले का असर, मैनेजर लेवल और स्पोर्ट स्टाफ पर पड़ेगा. कंपनी की तरफ से जारी स्टेटमेंट में कहा गया है कि बाजार में कंपटीशन बनाए रखने के लिए ये जरूरी है. जबकि, डच स्टील प्लांट अधिक टिकाऊ उत्पादन तरीकों की ओर आगे बढ़ रही है.

देश में 7% CO2 एमीशन करती है कंपनी

टाटा स्टील की नीदरलैंड प्लांट से देश में कुल उत्पादित CO2 का करीब 7 प्रतिशत हिस्सा होता है. ऐसे में ये देश में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों में शामिल है. ऐसे में कंपनी सरकार के साथ मिलकर इसके ग्रीन ऑपरेशन पर काम कर रही है. हालांकि, अभी तक टाटा स्टील के पक्ष में कोई समझौता नहीं हो सका है. टाटा स्टील की तरफ से जानकारी दी गयी है कि 2030 तक कंपनी कोयले और लौह अयस्क पर आधारित प्रोडक्शन को मेटल स्क्रैप और हाइड्रोजन पर चलने वाले ओवन में बदलने पर काम कर रही है. कंपनी ने अपने परिचालन को कॉर्बन-मुक्त करने के लिए नीदरलैंड सरकार से आर्थिक मदद की भी मांग की थी. टा स्टील ने अक्टूबर, 2021 में टाटा स्टील-यूके और टाटा स्टील-नीदरलैंड को टाटा स्टील-यूरोप से दो स्वतंत्र कंपनियों के रूप में अलग करके बनाया था. टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) एवं प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा कि नीदरलैंड में हम जल्द ही नियामकीय और वित्तीय सहायता के लिए वहां की सरकार को एक विस्तृत ‘डीकार्बोनाइजेशन’ प्रस्ताव देंगे. टाटा स्टील-नीदरलैंड उत्सर्जन और स्वास्थ्य मानकों को लेते हुए अपने परिचालन को कॉर्बन-मुक्त करने के तौर तरीकों पर गहनता से काम कर रही है. टाटा स्टील ने बयान में कहा कि दोनों पक्ष इस परियोजना की विस्तृत शर्तों पर चर्चा करेंगे.

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70 लाख टन सालाना क्षमता का संयंत्र है टाटा स्टील नीदरलैंड

टाटा स्टील की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी का निदेशक मंडल उचित समय पर इस परियोजना को मंजूरी देने को लेकर विचार करेगा. कंपनी ने नीदरलैंड में अपने परिचालन को कॉर्बन-मुक्त करने की योजना पर और जानकारी नहीं दी है. नीदरलैंड में कंपनी के पास आईम्यूदेन में 70 लाख टन सालाना क्षमता का संयंत्र है. कंपनी का लक्ष्य यूरोप में 2050 तक सीओ2-निरपेक्ष इस्पात का उत्पादन करने का है. इससे पहले 15 सितंबर को टाटा स्टील और ब्रिटेन सरकार ने कंपनी के पोर्ट टालबोट इस्पात संयंत्र की डीकार्बोनाइजेशन योजनाओं के लिए 1.25 अरब पाउंड के संयुक्त निवेश पर सहमति दी है.

क्या है नीदरलैंड स्टील का इतिहास

इस स्टील प्लान की स्थापना 1918 में हुई थी. 2007 में कोरस ग्रुप के द्वारा इस संपत्ति को बेच दिया गया. इसे भारत के टाटा स्टील के द्वारा खरीद लिया गया. 2010 में इसका नाम बदलकर टाटा स्टील यूरोप कर दिया गया. 2021 में, कंपनी एक ब्रिटिश (टाटा स्टील यूके) और एक डच (टाटा स्टील नीदरलैंड) शाखा में विभाजित हो गई, ये सीधे भारतीय मूल कंपनी टाटा स्टील के अंतर्गत आती हैं और टाटा स्टील यूरोप का अस्तित्व समाप्त हो गया.

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