Tata Technology-Jio Finance समेत कई कंपनियों का अपग्रेड हो सकता है मार्केट कैप, नए साल में होंगे बड़े बदलाव
नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वालिटेटिव रिसर्च के अनुसार कंपनी जल्द ही मिडकैप में अपना स्थान बना लेंगे. अर्ध-वार्षिक वर्गीकरण में मार्केट कैप के आधार पर एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया द्वारा 9 शेयरों के लार्जकैप श्रेणी में प्रवेश करने की संभावना है.
टाटा ग्रुप का कोई आईपीओ करीब दो दशक के बाद बाजार में पिछले महीने आया. लिहाजा निवेशकों ने उत्साह के साथ आईपीओ का स्वागत किया. 30 नवंबर को कंपनी के शेयर 140 प्रतिशत प्रीमियम के साथ लिस्ट हुए. नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वालिटेटिव रिसर्च (Nuvama Alternative & Quantitative Research) के अनुसार कंपनी जल्द ही मिडकैप में अपना स्थान बना लेंगे. अर्ध-वार्षिक वर्गीकरण में मार्केट कैप के आधार पर एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा 9 शेयरों के लार्जकैप श्रेणी में प्रवेश करने की संभावना है. इसमें जियो फाइनेंशियल सर्विस के अलावा पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन, इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन, मैक्रोटेक डेवलपर्स, पॉलीकैब इंडिया, आरईसी, श्रीराम फाइनेंस, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं. बता दें कि एएमएफआई द्वारा आधिकारिक बदलावों की घोषणा जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में की जाएगी, और वे फरवरी से जुलाई की अवधि के लिए लागू होंगे.
लार्ज और मीड कैप का साइज बढ़ा
वर्तमान में लार्ज-कैप मार्केट कैप कटऑफ 497 अरब रुपये थी, जबकि, मिड-कैप कटऑफ के लिए 174 अरब रुपये थी. हालांकि, नुवामा के नए रिसर्च से मिले संकेत के अनुसार लार्जकैप मार्केट-कैप कटऑफ बढ़कर 667 बिलियन रुपये हो गया है. इसके साथ ही, मिडकैप कटऑफ 219 बिलियन रुपये हो गया है. नुवामा के रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में एएमएफआई की मिडकैप श्रेणी में 14 शेयर प्रवेश कर सकते हैं. इसमें दलाल स्ट्रीट की सबसे नया हीरो टाटा टेक्नोलॉजीज भी शामिल है. इसके अलावा, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, सुजलॉन एनर्जी, लॉयड्स मेटल, एसजेवीएन, कल्याण ज्वैलर्स, केईआई इंडस्ट्रीज, क्रेडिटएक्सेस ग्रामीण, एक्साइड इंडस्ट्रीज, अजंता फार्मा, निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट, नारायण हृदयालय, इमामी और जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल हो सकते हैं.
कई कंपनियों का हो सकता है डिमोशन
मार्केट कैप का साइज बढ़ने से कई कंपनियों लार्ज से मिड और मिड से स्मॉल कैप में जाना पड़ सकता है. नुवामा के अनुसार जो स्टॉक लार्जकैप से मिडकैप श्रेणी में जा सकते हैं, उसमें यूपीएल, अदानी विल्मर, आईआरसीटीसी, पीआई इंडस्ट्रीज, बॉश, ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स, संवर्धन मदरसन और निफ्टी 50 प्रमुख हीरो मोटोकॉर्प शामिल हो सकती है. इसके अलावा जिन शेयरों को मिडकैप से स्मॉलकैप में स्थानांतरित किया जा सकता है, उसमें राजेश एक्सपोर्ट्स, फाइजर, आरती इंडस्ट्रीज, विनती ऑर्गेनिक्स, क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स, व्हर्लपूल ऑफ इंडिया, अतुल लिमिटेड, नवीन फ्लोरीन इंटरनेशनल, लॉरस लैब्स, सुमितोमो केमिकल्स, भारत डायनेमिक्स, आदित्य बिड़ला फैशन, बाटा इंडिया और कजारिया सेरामिक्स शामिल हो सकते हैं.
मार्केट कैप क्या होता है
मार्केट कैप (Market Capitalization) एक वित्तीय शब्द है जो किसी कंपनी या एक्टिव पूंजीगत उत्पन्न को मापने के लिए इस्तेमाल होता है. यह एक कंपनी की बाजारी मूल्य को मूलभूत रूप से दर्शाने वाला माप है जो उसके समृद्धि और वृद्धि को दर्शाता है.
मार्केट कैप के लिए इस फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है:
Market Cap= Current Market Price × Total Outstanding Shares
Market Cap= Current Market Price×Total Outstanding Shares
यहां,
“Market Cap” वह आँकड़ा है जो मार्केट कैपिटलाइजेशन को दर्शाता है.
“Current Market Price” उपभोक्ताओं द्वारा तय की गई सहमति के आधार पर स्थापित बाजार मूल्य है.
“Total Outstanding Shares” वह शेयरों की कुल संख्या है जो उस कंपनी द्वारा जारी की गई हैं और बाजार में उपलब्ध हैं.
मार्केट कैप विभिन्न श्रेणियों में एक कंपनी के आकार को दर्शाता है:
Large Cap (लार्ज कैप): यदि किसी कंपनी की मार्केट कैप बड़ी होती है, तो वह “लार्ज कैप” कहलाती है. इन कंपनियों के शेयर बाजार में अधिक उपलब्ध होते हैं और उनके मूल्य में अधिक वोलेटिलिटी कम होती है.
Mid Cap (मिड कैप): यदि किसी कंपनी की मार्केट कैप मध्यम होती है, तो वह “मिड कैप” कहलाती है. इन कंपनियों की आकार लार्ज कैप कंपनियों और स्मॉल कैप कंपनियों के बीच होती है.
Small Cap (स्मॉल कैप): यदि किसी कंपनी की मार्केट कैप छोटी होती है, तो वह “स्मॉल कैप” कहलाती है. इन कंपनियों की शेयरों में ज्यादा वोलेटिलिटी होती है, और इनमें निवेश करना जोखिमपूर्ण हो सकता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.