Post Office News: पोस्ट ऑफिस सेविंग के हैं कई फायदे, इन योजनाओं पर अच्छे रिटर्न के साथ मिलता है Tax Benefits
Post Office, Tax Benefit on Small Savings Schemes: देश में बैंकों (Banks) की तरह डाकघर (Post Office) में भी कई तरह की बचत योजनाओं (Saving Schemes) का संचालन होता है. डाकघर की इन बचत योजनाओं से लोगों को बचत करने में आसानी तो होती है, उनका टैक्स बेनिफिट भी मिलता है.
-
पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाएं
-
टैक्स सेविंग बेनेफिट की सुविधा
-
अच्छे रिटर्न की गारंटी
Post Office, Tax Benefit on Small Savings Schemes: देश में बैंकों (Banks) की तरह डाकघर (Post Office) में भी कई तरह की बचत योजनाओं (Saving Schemes) का संचालन होता है. डाकघर की इन बचत योजनाओं से लोगों को बचत करने में आसानी तो होती है, उनका टैक्स बेनिफिट भी मिलता है. और पैसा भी सुरक्षित रहता है. इसी कारण आज को दौर में बैंकों के पैरेलर पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स (Saving Schemes of Post Office) में भी लोग पैसा जमा कर रहे हैं.
डाकघर की कई बचत योजनाओं (Saving Schemes) में निवेश करने से बेहतरीन रिटर्न मिलता है. इसके अलावा डाकघर की कुछ बचत योजनाओं पर ग्राहकों को टैक्स बेनिफिट (Income Tax Benefit) भी मिलता है. एसी स्कीम पर निवेश (Investment on Post Office Schemes) कर ग्राहक कर में छूट (Tax Deduction) का भी क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 80C के तहत टैक्स सेविंग विकल्पों में इनवेस्ट कर 1.50 लाख रुपये तक डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है.
किन योजना में मिलता है टैक्स बेनिफिट
पोस्ट ऑफिस की सिनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर टैक्म बेनिफिट का लाभ मिलता है. पोस्ट ऑफिस के पीपीएफ अकाउंट निवेश कर टैक्स बेनिफिट का लाभ लिया जा सकता है. डाकघर के नेशलन सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम पर टैक्स बेनिफिट मिलता है. इसके अलावा सुकन्या समृद्धि योजना पर टैक्स बेनेफिट मिलता है.
इन योजनाओं में नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स (National Savings Certificates) योजना छोटी बचत योजनाओं में की एक खास सेविंग स्कीम (Saving Scheme) है. इस योजना में रिटर्न की गारंटी होती है. एनएससी (NSC Scheme) में निवेश करके इनकम टैक्स कटौती (Income Tax Deduction) का फायदा मिलता है. इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. एनएससी के पास पांच साल की लॉक-इन पीरियड भी है.
हर तीन महीने में तय होती हैं ब्याज दरः डाकघर की चोटी बचत योजना में ब्याज दर (Rate of Interest) हर तीन महीने में बदल जाता है. या यूं कहे कि यह हर तीन महीने में तय होती है. और उसी के आधार पर ग्राहकों को रकम दी जाती है.
Posted by: Pritish Sahay
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.