Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लोकसभा में पेश किए गए बजट का बचाव करते हुए कहा है कि इसके प्रस्तावों से मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ घटा है. उन्होंने कहा कि मकान और जमीन पर कैपिटल गेन टैक्स में छूट देकर सरकार आम आदमी की उम्मीदों पर खरा काम कर रही है. उन्होंने लोकसभा में वित्त विधेयक 2024 पर चर्चा के दौरान किए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इनकम टैक्स में स्टैंडर्ड डिडक्शन में 50 फीसदी कटौती करने से मिडिल क्लास को फायदा हुआ है. उन्होंने कहा कि सही मायने में देखा जाए, तो इस साल का बजट टैक्स रेट में बढ़ोतरी को कर व्यवस्था को सरल बनाता है.
हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी कटौती से इनकार
विपक्ष की ओर से हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी में कटौती की मांग पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2017 में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने से पहले राज्यों ने इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स लगाया था. उन्होंने कहा कि संसद में जीएसटी की दरें तय नहीं होतीं. इस मामले को जीएसटी परिषद में ले जाना जाना होगा. इसमें राज्यों का दो-तिहाई प्रतिनिधित्व है.
एलटीसीजी टैक्स में संशोधन
वित्त विधेयक में एलटीसीजी (लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन) कर में संशोधन किया गया है. इसके तहत 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्तियों की बिक्री पर इंडेक्सेशन यानी मुद्रास्फीति के प्रभाव का लाभ बहाल कर दिया गया है. अब जिन व्यक्तियों या हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) ने 23 जुलाई, 2024 से पहले घर खरीदा है, वे नई योजना के तहत एलटीसीजी टैक्स का भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं. इंडेक्सेशन के बिना उन्हें 12.5 फीसदी और इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी टैक्स का भुगतान करने की जरूरत होगी. वे उस विकल्प को चुन सकते हैं, जिसमें टैक्स रेट कम हो.
शेयर बाजार में निवेश कर सकेगा मिडिल क्लास
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वह 2019 में अपने पहले बजट के बाद से देशभर में घूमकर विभिन्न पक्षों से सुझाव लेती रही हैं और आम लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए संशोधनों के साथ यहां आई हैं. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के बजट प्रस्तावों का उद्देश्य मिडिल क्लास को लाभ पहुंचाने के अलावा निवेश को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध इक्विटी शेयर और बॉन्ड में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर छूट सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये करने से शेयर बाजारों में निवेश करने वाले मिडिल क्लास को फायदा होगा.
इसे भी पढ़ें: टमाटर का टशन बढ़ा तो शाकाहारी खाना थाली से हो गया दूर
देश में 7.22 करोड़ लोगों ने दाखिल किया आईटीआर
उन्होंने कहा कि सरकार ने टैक्स सिस्टम को सरल बनाने के साथ करों में भारी वृद्धि किए बिना अनुपालन को आसान बनाया है. विभिन्न वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी में कटौती से व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार सृजित होगा. उन्होंने कहा कि करदाता नई कर व्यवस्था को अब तरजीह दे रहे हैं. एक साल में यह रुझान देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई, 2024 तक कुल 7.22 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए. इसमें से 5.25 करोड़ लोगों या 72.8 प्रतिशत ने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना. वहीं, आकलन वर्ष 2023-24 में नई कर व्यवस्था के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 30.93 लाख थी.
इसे भी पढ़ें: आरबीआई ने लगातार नौवीं बार ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, रेपो रेट 6.5% पर बरकरार
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.