Tax Saving : टैक्स सेविंग्स के हैं ये पांच आसान तरीके, जानिए कैसे पा सकेंगे छूट

Tax Saving : अगर आप टैक्स में छूट का लाभ पाना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि बच्चों की पढ़ाई के होने वाले खर्च पर भी आप टैक्स से छूट पा सकते हैं. बच्चों के ट्यूशन फीस पर टैक्स में छूट मिलती है. इस बात को तो सभी जानते हैं, लेकिन अगर आपका बच्चा प्ले स्कूल, प्री-नर्सरी और नर्सरी में पढ़ता है, तो उसकी फीस पर भी टैक्स छूट पा सकते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2021 5:16 PM
  • सरकार की ओर से 2015 में शुरू की गई थी यह व्यवस्था

  • आयकर की धारा 80सी के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये पर टैक्स छूट

  • नया घर खरीदने पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस से टैक्स बचत

Tax Saving : सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की तारीख में एक बार फिर इजाफा किया है. अब देश के ऐसे करदाता जिन्होंने अभी तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, वे देर के साथ 31 मार्च तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं. हालांकि, टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय अक्सर लोग यह भूल जाते हैं कि उन्हें टैक्स सेविंग्स कैसे करना है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने तमाम खर्चों पर टैक्स से छूट पाने में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतते. क्या आपको पता है कि आप किन-किन खर्चों पर आसानी से टैक्स से छूट पा सकते हैं? नहीं, तो आइए हम आपको टैक्स से बचत करने के पांच आसान तरीके बताते हैं.

प्री नर्सरी की फीस पर टैक्स से छूट का लाभ

अगर आप टैक्स में छूट का लाभ पाना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि बच्चों की पढ़ाई के होने वाले खर्च पर भी आप टैक्स से छूट पा सकते हैं. बच्चों के ट्यूशन फीस पर टैक्स में छूट मिलती है. इस बात को तो सभी जानते हैं, लेकिन अगर आपका बच्चा प्ले स्कूल, प्री-नर्सरी और नर्सरी में पढ़ता है, तो उसकी फीस पर भी टैक्स छूट पा सकते हैं.

सरकार की ओर से 2015 में यह व्यवस्था शुरू की गई थी. आयकर की धारा 80सी के तहत ये फायदा मिलता है, जिसके तहत आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये पर टैक्स छूट पा सकते हैं. ध्यान रखने वाली बात यह है कि आयकर के नियमों के तहत सिर्फ दो बच्चों की फीस पर ही टैक्स में छूट का लाभ मिलता है. अगर बच्चे जुड़वा हो जाते हैं, तो तीन बच्चों तक ये फायदा लिया जा सकता है.

स्टाम्प ड्यूटी पर भी मिलती है टैक्स छूट

अगर आप नया घर खरीदते हैं, तो आपको स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करना होता है. इन पर भी आप टैक्स छूट पा सकते हैं. यह फायदा भी आयकर की धारा 80सी के तहत दिया जाता है, जिसमें आप एक साल में 1.5 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट ले सकते हैं. बता दें कि इस प्रकार की छूट पाने के लिए आप उसी वित्त वर्ष में दावा कर सकते हैं, जिस वित्त वर्ष में आपने घर खरीदा है. बाद में दावा करने पर इसका फायदा नहीं लिया जा सकता है.

माता-पिता को दिए गए ब्याज पर छूट

अगर आपने घर खरीदने के लिए अपने माता-पिता से लोन लिया है, तो उन्हें दिए गए ब्याज पर भी आयकर में छूट का फायदा लिया जा सकता है. यानी ब्याज पर मिलने वाली टैक्स छूट सिर्फ बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से लिए हुए लोन तक सीमित नहीं रहेगी. ये छूट 2 लाख रुपये तक धारा 24बी के तहत मिल सकती है. इसके लिए जरूरी यह है कि आपके पास माता-पिता को चुकाए जाने वाले ब्याज का सर्टिफिकेट होना चाहिए.

माता-पिता को दिया गया किराया

अगर आप अपने माता-पिता के घर में रह रहे हैं, तो आप उन्हें किराया देकर भी आयकर में छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. यह फायदा आप आयकर नियम 10(13ए) के तहत ले सकते हैं. इसके तहत, आप कंपनी की तरफ से मिले एचआरए या बेसिक सैलरी का 50 फीसदी या अपनी सैलरी के 10 फीसदी से अधिक जितना आपके किराया दिया है, उसमें जो भी कम हो, उतना एचआरए क्लेम कर सकते हैं.

माता-पिता के इलाज पर खर्च

अक्सहां, यह सभी जानते हैं कि बुढ़ापे में अक्सर मेडिकल खर्च अधिक होता है. अगर आप इन खर्चों को फाइनेंस करते हैं, तो आप उन पर टैक्स में छूट क्लेम कर सकते हैं. यह छूट आयकर की धारा 80डी के तहत मिलती है और इसके तहत आप 50 हजार रुपये तक की छूट का दावा कर सकते हैं. हालांकि, अगर ये खर्चें हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर हैं, तो उसे इसमें जोड़ा नहीं जाएगा.

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Posted by : Vishwat Sen

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