नई दिल्ली : देश के गरीबों और आम आदमी के दुख-दर्द को समझने वाले टाटा समूह की अनुषंगी कंपनी टाटा कम्युनिकेशंस सर्विसेज (टीसीएस) इस कोरोना काल में भी नौकरी की तलाश करने वाले युवकों को रोजी-रोजगार देने के मामले में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है. कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार, टीसीएस वर्ष 2021-22 के दौरान कैंपस सलेक्शन के जरिए 40,000 से अधिक लोगों को नौकरी देकर श्रमशक्ति को अर्थव्यवस्था को जोड़ने का काम करेगी.
देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक टीसीएस के एक टॉप अफसर ने कहा कि कंपनी वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कैंपस सलेक्शन के जरिए न्यू कमर्स को नौकरी देगी. टीसीएस के ग्लोबल एचआर प्रमुख मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि 5 लाख से अधिक कर्मचारियों वाली प्राइवेट सेक्टर में सबसे अधिक नौकरी देने वाली कंपनी ने पिछले साल कैंपस सलेक्शन के जरिए 40,000 ग्रेजुएट को भर्ती किया था और इस बार ये संख्या बेहतर ही रहेगी.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से लागू पाबंदियों के कारण भर्ती करने में तो किसी प्रकर की कठिनाई नहीं हुई और पिछले साल कुल 3.60 लाख न्यू कमर्स को वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लिये इंट्रेंस टेस्ट में शामिल हुए.
लक्कड़ ने कहा कि भारत में कैंपस सलेक्शन के जरिए हमने पिछले साल 40,000 लोगों को रोजी-रोजगार दिया. हम इस साल 40,000 या उससे अधिक लोगों को रोजी-रोजगार देने का प्रयास कर रहे हैं. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि इस साल कंपनी ने बेरोजगारों को रोजी-रोटी मुहैया कराने में तेजी कर दी है.
उन्होंने कहा कि इसी तरह कंपनी पिछले साल अमेरिकी कैंपस से भर्ती किए गए 2,000 प्रशिक्षुओं के मुकाबले बेहतर करेगी. हालांकि, उन्होंने इन बारे में सटीक संख्या नहीं बताई. कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी एन गणपति सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और उन्होंने इनकी लागत को लेकर चिंताओं से भी असहमति जताई. उन्होंने भारतीय प्रतिभा को अभूतपूर्व बताया.
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