TDS on EPF withdrawal: एम्पलॉयी प्रोवीडेंट फंड यानि ईपीएफ एक ऐसा प्लान है, जिसके तहत हर महीने कर्मचारियों की सैलरी में से रकम जमा करवाया जाता है. किसी कर्मचारी की उम्र जब 58 साल हो जाती है तो उसका ईपीएफ अकाउंट मैच्योर हो जाता है और वो बिना किसी बाध्यता के इसमें जमा राशि निकाल सकता है. लेकिन, अगर कोई अकाउंट के मैच्योर होने से पहले ही इसकी राशि निकालता है तो उसे टीडीएस का भुगतान करना पड़ता है. हालांकि, ईपीएफओ ने कर्मचारियों के लिए एक ऐसी व्यवस्था भी की हुई है, जिसमें अकाउंट के मैच्योर हुए बिना भी आप इसका पैसा निकाल सकते हैं और इसमें आपको टीडीएस भी नहीं कटवाना पड़ेगा.
कोई कर्मचारी एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में फंड ट्रांसफर करता है तो उसे टीडीएस नहीं कटवाना पड़ता. यदि कर्मचारी बीमार है, उसकी नौकरी छूट जाए, कंपनी बंद हो जाए या कोई ऐसा कारण जिससे ईपीएफ अकाउंट धारक के कंट्रोल से बाहर हो, तब भी टीडीएस नहीं कटता है. बताते चलें कि 5 वर्ष पूरा होने पर भी आप PF से पैसा निकाल सकते हैं. इसके अलावा, अगर पीएफ से निकाली गई राशि 50 हजार से कम हो और खाताधारक की नौकरी पांच वर्ष से कम बची हो, तब भी टीडीएस नहीं कटता है. हालांकि, इसके लिए पैन कार्ड के साथ फॉर्म 15G या फॉर्म 15H जमा करवाना अनिवार्य है. इन सभी स्थितियों में PF का पैसा निकालने पर TDS नहीं कटता है.
कर्मचारी को यदि किसी कंपनी को ज्वॉइन किए हुए 5 साल से कम वक्त हुआ है और पीएफ से निकाली जाने वाली राशि 50 हजार से अधिक है, तो उस पर 10 फीसदी टीडीएस काटा जाता है. हालांकि, अगर किसी कर्मचारी ने अपने पैन कार्ड की जानकारी नहीं दी है तो ऐसी स्थिति में 34 फीसदी तक टीडीएस काटा जा सकता है.
कोई भी व्यक्ति टैक्स चोरी नहीं कर सकें, इसके लिए टीडीएस का प्रावधान किया गया है. आय के उन सभी स्रोतों पर टीडीएस काटा जाता है, जिसका स्पष्ट ब्यौरा सरकार को नहीं दिया गया है. हालांकि, आईटीआर फाइल करते समय आप टीडीएस रिटर्न फाइल कर सकते हैं, जिससे काटा गया पैसा आपको वापस मिल जाता है.
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