इस बाल संन्यासी ने ठुकराई 40,000 करोड़ की संपत्ति, भीख मांगकर पालता है पेट
Renunciation: वेन अजान सिरिपान्यो भिक्षाटन करके अपना जीवन-यापन करता है, लेकिन परिवार के साथ उसका जुड़ाव अब भी बना हुआ है. परिवार के सदस्यों से मुलाकात करने के लिए वह प्राइवेट जेट से यात्रा भी करता है.
Renunciation: पुरानी सेल्यूलर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी एयरसेल के पूर्व मालिक और मलेशियाई टेलीकॉम टायकून आनंद कृष्णन का बेटा वेन अजान सिरिपान्यो सिर्फ 18 साल की उम्र में संन्यासी बन गया. उसने अपनी विलासिता भरी जिंदगी और करीब 40,000 करोड़ (5 अरब डॉलर) की संपत्ति को ठोकर मारकर संन्यास ग्रहण किया है. वेन अजान सिरिपान्यो के पिता आनंद कृष्णन मलेशिया के तीसरे सबसे बड़े अमीर आदमी हैं, जिनका कारोबार टेलीकॉम, मीडिया, सैटेलाइट, गैस और रियल एस्टेट सेक्टर में फैला है. आनंद कृष्णन की कंपनी एयरसेल आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) को स्पॉन्स भी किया करती थी. चौंकाने वाली बात यह है कि संन्यास लेने के बाद वेन अजान सिरिपान्यो सिरिपान्यो थाईलैंड और म्यांमार की सीमा पर स्थित द्ताओ डम मठ का प्रमुख बना है और जेट पर सवार होकर इटली में अपने पिता से मुलाकात करने जाता है.
आनंद कृष्णन ने बेटे के फैसले का किया स्वागत
अंग्रेजी की वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आनंद कृष्णन के बेटे वेन अजान सिरिपान्यो ने अपना जीवन शाही अंदाज में बिताया है. उसने अपनी दो बहनों के साथ लंदन में अपना बिताया है. लंदन में रहकर ही उसने अपनी पढ़ाई पूरी की. वेन अजान सिरिपान्यो को करीब आठ भाषाओं का ज्ञान है. उसे अंग्रेजी, तमिल और थाई भाषा का अच्छा ज्ञान है. अब उसने ऐशो-आराम भरी जिंदगी को तिलांजलि देकर बौद्ध धर्म अपना लिया है और संन्यासी बनने का फैसला किया है. आनंद कृष्णन ने अपने बेटे के इस फैसले का स्वागत किया है, क्योंकि वे भी खुद को बौद्ध धर्म का समर्पित अनुयायी बताते हैं.
संन्यास लेते ही अजान सिरिपान्यो ने की थाईलैंड की यात्रा
रिपोर्ट में कहा गया है कि संन्यास लेने के साथ ही टेलीकॉम टायकून आनंद कृष्णन के बेटे वेन अजान सिरिपान्यो ने 18 साल की उम्र में थाईलैंड की यात्रा की थी. थाईलैंड में उसने अपनी मां के परिवार से मिला और एक आश्रम में जाकर संन्यास लेने का ऐलान किया. फिलहाल, वेन अजान सिरिपान्यो थाईलैंड और म्यांमार की सीमा पर स्थित द्ताओ डम मठ का प्रमुख (अब्बॉट) बनकर जीवन बिता रहा है. इस मठ में रहकर वेन अजान सिरिपान्यो एक साधारण व्यक्ति की तरह अपना जीवन बिता रहा है.
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प्राइवेट जेट से करता है पिता से मुलाकात
रिपोर्ट में बताया गया है कि वेन अजान सिरिपान्यो भिक्षाटन करके अपना जीवन-यापन करता है, लेकिन परिवार के साथ उसका जुड़ाव अब भी बना हुआ है. परिवार के सदस्यों से मुलाकात करने के लिए वह प्राइवेट जेट से यात्रा भी करता है. एक बार उसे अपने पिता से मिलने के लिए प्राइवेट जेट से इटली जाते हुए भी देखा गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बौद्ध धर्म में पारिवारिक प्रेम को महत्व दिया गया है. वेन अजान सिरिपान्यो इसी सिद्धांत के तहत अपने परिवार से मिलता है. वेन अजान सिरिपान्यो के लिए उसके पिता ने पेनांग हिल में एक आध्यात्मिक रिट्रीट भी खरीदी है.
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