…तो जब्त हो सकता है आपके Gratuity का पैसा, जानें सुप्रीम कोर्ट ने अपने बड़े फैसले में क्या कहा
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ग्रेच्युटी (Gratuity) को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कर्मचारी के ऊपर कंपनी का कोई बकाया है तो उसका ग्रेच्युटी रोका या जब्त किया जा सकता है. कंपनी को अधिकार दिया गया है. कर्मचारी अगर बकाया का भुगतान (Dues on Employee) नहीं करता है तो कंपनी उसकी ग्रेच्युटी रोक सकती है. जब तक बकाया नहीं चुकाया गया. यह नियम सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के कर्मचारियों पर लागू होगा.
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ग्रेच्युटी (Gratuity) को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कर्मचारी के ऊपर कंपनी का कोई बकाया है तो उसका ग्रेच्युटी रोका या जब्त किया जा सकता है. कंपनी को अधिकार दिया गया है. कर्मचारी अगर बकाया का भुगतान (Dues on Employee) नहीं करता है तो कंपनी उसकी ग्रेच्युटी रोक सकती है. जब तक बकाया नहीं चुकाया गया. यह नियम सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के कर्मचारियों पर लागू होगा.
लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस संजय के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने शनिवार को एक फैसला सुनाया है. बेंच में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और हृषिकेश रॉय भी शामिल थे. बेंच ने कहा कि किसी भी कर्मचारी की ग्रेच्युटी से सरकारी आवास में रिटायरमेंट के बाद रहने के लिए जुर्माना सहित किराया वसूला जा सकता है. अगर बकाया ज्यादा हो तो ग्रेच्युटी जब्त भी किया जा सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीठ ने कहा कि यदि कोई कर्मचारी निर्धारित किये गये समय से अधिक समय तक कब्जा करता है, तो उससे दंड के साथ किराया वसूला जा सकता है. अगर कर्मचारी पैसा नहीं देता है तो ग्रेच्युटी की राशि में से पैसे काटे जा सकते हैं. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के द्वारा एक कर्मचारी के मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
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सेल (SAIL) द्वारा एक कर्मचारी से 1.95 लाख रुपये का जुर्माना वसूलने का प्रयास किया गया था. उसने अपना बकाया और ओवरस्टाईड क्लियर नहीं किया था. कर्मचारी 2016 में रिटायर होने के बाद भी बोकारो में सरकारी आवास में रह रहा था. हाईकोर्ट ने शीर्ष अदालत के 2017 के आदेश के आलोक में कहा कि सेल को कर्मचारी की ग्रेच्युटी तुरंत जारी करनी चाहिए. हालांकि, इसने सेल को सामान्य किराये की मांग को बढ़ाने की इजाजत दी.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि यदि कोई कर्मचारी निर्धारित समय से अधिक समय तक कंपनी द्वारा आवंटित आवास में रहता है या कब्जा करता है, तो उससे जुर्माने के साथ किराया की राशि भी वसूली जा सकती है. अगर कर्मचारी पैसा नहीं देता है तो ग्रेच्युटी की राशि में से पैसे काटे जा सकते हैं. इस फैसले के बाद स्पष्ट है कि किसी कर्मचारी पर अगर कंपनी का बकाया है तो उसकी ग्रेच्युटी का पैसा रोका या जब्त किया जा सकता है.
Posted by: Amlesh Nandan.
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