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Jio के इस प्लान से आत्मनिर्भर होगा भारत, 35 करोड़ से अधिक भारतीयों को होगा फायदा

मुकेश अंबानी की दूरसंचार कंपनी जियो (Jio) ने बुधवार को राष्ट्रीय मिशन (National mission) की रफ्तार को तेज करने के लिए आत्मनिर्भर भारत (Aatmnirbhar Bharat) का प्लान तैयार किया है, जिसमें भारत में निर्मित (Make in India) 5जी समाधान (5G Solution), सस्ते स्मार्टफोन (Cheap smartphone), टीवी नेटवर्क (TV network) आदि सबकुछ होंगे. इससे देश के 35 करोड़ से अधिक भारतीयों को फायदा होगा. आइए, जानते हैं कि क्या है जिया का नया प्लान...

नयी दिल्ली : मुकेश अंबानी की दूरसंचार कंपनी जियो (Jio) ने बुधवार को राष्ट्रीय मिशन (National mission) की रफ्तार को तेज करने के लिए आत्मनिर्भर भारत (Aatmnirbhar Bharat) का प्लान तैयार किया है, जिसमें भारत में निर्मित (Make in India) 5जी समाधान (5G Solution), सस्ते स्मार्टफोन (Cheap smartphone), टीवी नेटवर्क (TV network) आदि सबकुछ होंगे. इससे देश के 35 करोड़ से अधिक भारतीयों को फायदा होगा. आइए, जानते हैं कि क्या है जिया का नया प्लान…

सस्ता स्मार्टफोन और 5जी नेटवर्क

रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने बुधवार को कहा कि जियो ने ‘भारत में निर्मित’ 5जी समाधान डेवलप किया है, जिसे अगले साल से इस्तेमाल में लाया जा सकता है. कंपनी देश को ‘2जी-मुक्त’ बनाने के लिए कंपनी गूगल के साथ मिलकर सस्ते स्मार्टफोन बनाएगी. रिलायंस की 43वीं सालाना आम सभा (AGM) में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, ‘जियो का लक्ष्य भारत को ‘2जी-मुक्त’ बनाना है.’ उन्होंने कहा कि भारत अब 5जी के दरवाजे पर खड़ा है. ऐसे में 2जी फीचर फोन का इस्तेमाल करने वाले देश के 35 करोड़ से अधिक लोगों का स्थानांतरण सस्ते स्मार्टफोन पर करने की जरूरत है.

अमेरिकी कंपनी के साथ बनेगा एंड्राइड फोन

अमेरिकी कंपनी गूगल के जियो प्लेटफॉर्म्स में 7.7 फीसदी की हिस्सेदारी के लिए 33,737 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा करते हुए अंबानी ने कहा कि जियो अमेरिकी कंपनी के साथ मिलकर एक एंड्राइड आधारित स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलप करेगी. अंबानी ने कहा कि देश में लाखों ऐसे लोग हैं, जो फीचर फोन से स्मार्टफोन पर आना चाहते हैं, लेकिन वह यह तभी कर सकते हैं, जब स्मार्टफोन सस्ता हो. हमने इस समस्या के समाधान को ढूंढने का फैसला किया है. हमें भरोसा है कि हम एक बहुत शुरुआती स्तर का 4जी या 5जी फोन बना सकते हैं, वह भी इसकी मौजूदा लागत से बहुत कम लागत पर.

भारतीयता को ध्यान में रखकर शुरू होगा ऑपरेटिंग सिस्टम

अंबानी ने जोर देकर कहा कि इस तरह के स्मार्टफोन को चलाने के लिए हमें एक ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत होगी, जो दक्ष हो और भारतीयता को ध्यान में रखकर बनाया गया हो. उन्होंन कहा कि गूगल की साझेदारी के साथ हमें भरोसा है कि हम हर भारतीय के हाथ में एक स्मार्टफोन पहुंचाने के राष्ट्रीय मिशन को गति दे सकते हैं. भारत 5जी के मुहाने पर खड़ा है, हमें मौजूदा वक्त में 2जी फीचर फोन इस्तेमाल करने वाले 35 करोड़ लोगों को एक सस्ते स्मार्टफोन से उनके डिजिटल दुनिया में स्थानांतरण को गति देने की जरूरत है. उन्हें डिजिटल जिंदगी और इंटरनेट के लाभ से वंचित नहीं रखा जाना चाहिए.

1 अरब स्मार्ट सेंसर और 5 करोड़ घरों को अपने नेटवर्क से जोड़ेगी जियो

कंपनी की 5जी योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि जियो ने शून्य से शुरू करके पूरी तरह अपना 5जी समाधान डिजाइन और विकसित किया है. पहले हम इसका इस्तेमाल भारत के स्तर पर स्थापित करके बाद में इसे दुनियाभर में अन्य दूरसंचार कंपनियों को भी निर्यात कर सकेंगे. रिलायंस के प्रमुख ने कहा कि अगले तीन साल में जियो के मोबाइल ग्राहकों की संख्या करीब 50 करोड़ होगी. साथ ही, जियो करीब एक अरब स्मार्ट सेंसर और पांच करोड़ घरों और कारोबारी प्रतिष्ठानों को भी अपने नेटवर्क से जोड़ेगी.

अगले साल शुरू होगा 5जी का ट्रायल

उन्होंने कहा कि जियो का विश्वस्तरीय 4जी और फाइबर नेटवर्क विभिन्न सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकियों और उपकरणों से संचालित होता है. जियो की यह क्षमता उसे एक और अन्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी 5जी के लिए अग्रणी स्थिति में रखती है. अंबानी ने कहा, ‘‘ मुझे इस बात की घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि जियो ने पूर्णतया स्वदेशी प्रौद्योगिकी से 5जी समाधान डेवलप किया है. उन्होंने कहा कि यह परीक्षण के लिए तैयार है. अगले साल जितने जल्दी 5जी स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा, उतनी ही जल्दी हम इसका प्रायोगिक परीक्षण शुरू कर देंगे.

क्लाउड कंप्यूटिंग से स्मार्ट ट्रांसपोर्ट तक होगी जियो की पहुंच

अंबानी ने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स ने मौलिक बौद्धिक संपदा अधिकार पर आधारित विकास के दृष्टिकोण को अपनाया है. उन्होंने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स ने 20 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों के साथ मिलकर 4जी, 5जी, क्लाउड कंप्यूटिंग, उपकरण और ऑपरेटिंग सिस्टम्स, बिग डाटा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉकचेन, स्वभाविक तरीके से भाषा की समझ और कंप्यूटर दृष्टिकोण इत्यादि प्रौद्योगिकी से जुड़ी विश्वस्तरीय क्षमताओं को विकसित किया है. उन्होंने कहा कि इन प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल कर हम मीडिया, वित्तीय सेवा, नये वाणिज्य (ई-कॉमर्स), शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, स्मार्टसिटी, स्मार्ट विनिर्माण और स्मार्ट परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए समाधान उपलब्ध करा सकते हैं.

डिजिटल कनेक्टिविटी वृद्धि के पांच क्षेत्र

उन्होंने कहा कि हमने डिजिटल कनेक्टिविटी की वृद्धि के पांच प्रमुख क्षेत्र मोबाइल ब्रॉडबैंड, जियो फाइबर, जियो व्यापारिक प्रतिष्ठान ब्रॉडबैंड, लघु उद्यमों के लिए ब्रॉडबैंड और जियो की नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स सेवा को पूरी तरह शुरू कर दिया है.

जियो में 4.5 अरब डॉलर निवेश करेगी गूगल : सुंदर पिचाई

जियो के साथ साझेदारी पर गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने कहा, ‘जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ इस समझौते से हमें लगता है कि कंपनी देश में ज्यादा बेहतर तरीके से प्रभाव छोड़ पाएगी, जो शायद वह अकेले नहीं छोड़ सकती थी. यह देश में हमारे अगले निवेश चरण का अहम हिस्सा है. सबसे पहले हम जियो में 4.5 अरब डॉलर का निवेश कर रहे हैं. बता दें इस हफ्ते की शुरुआत में ही गूगल ने भारत के लिए अपनी निवेश योजनाओं का जिक्र करते हुए 10 अरब डॉलर या 75,000 करोड़ रुपये के ‘गूगल फॉर इंडिया डिजिटलीकरण कोष’ के माध्यम से निवेश की घोषणा की थी.

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Posted By : Vishwat Sen

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