जनवरी में ही फाइनल हो जाएगा तीनों लेबर कोड, देश के लाखों इंडस्ट्रियल वर्कर्स को होगा फायदा
औद्योगिक संबंध, पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाज की स्थिति तथा सामाजिक सुरक्षा संहिताओं के तहत नियमों को जनवरी 2021 के अंत तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा.
नयी दिल्ली : औद्योगिक संबंध, पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाज की स्थिति तथा सामाजिक सुरक्षा संहिताओं के तहत नियमों को जनवरी 2021 के अंत तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इससे देश में 1 अप्रैल से पहले ही चारों श्रम सुधारों को लागू करने का रास्ता साफ हो जाएगा.
श्रम मंत्रालय ने इस साल एक अप्रैल से चार श्रम संहिताओं को एक बार में लागू करने की योजना बनाई है. मंत्रालय चार केंद्रीय श्रम कानूनों को चार व्यापक संहिता मजदूरी, औद्योगिक संबंधों, सामाजिक सुरक्षा तथा पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाज की स्थिति (ओएसएच) में समाहित करने के अंतिम चरण में है.
श्रम सचिव अपूर्व चंद्र ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हम इस महीने के अंत तक औद्योगिक संबंधों, सामाजिक सुरक्षा और ओएसएच संहिताओं के तहत नियमों को तैयार कर लेंगे. चारों संहिता इसके अंतर्गत नियम अधिसूचित होने के बाद लागू हो सकते हैं.
मंत्रालय ने पिछले साल मानसून सत्र में संसद की मंजूरी के बाद संबंधित पक्षों की प्रतिक्रिया जानने के लिए मजदूरी को छोड़कर संहिताओं के तहत नियमों को पिछले साल नवंबर में जारी किया था. मजदूरी संहिता को संसद ने 2019 में मंजूरी दे दी थी और नियमों को भी अंतिम रूप दे दिया गया. मंत्रालय ने इसके क्रियान्वयन को रोक लिया, क्योंकि वह चारों संहिताओं को एक साथ लागू करना चाहता है.
सचिव ने यह भी कहा कि मंत्रालय राज्यों के श्रम कानूनों का अध्ययन करने के लिए जल्दी ही कानूनी सलाहकार नियुक्त करेगा, ताकि उसे केंद्रीय कानूनों के अनुरूप बनाया जा सके. श्रम का विषय संविधा की समवर्ती सूची में है. इसलिए, इस पर केंद्र के साथ-साथ राज्य भी कानून बना सकते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्रों के लिए मसौदा मॉडल स्थायी आदेश (स्टैंडिंग ऑर्डर) को भी अगले महीने तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा. ये मसौदा आदेश उक्त क्षेत्रों में सेवा शर्तों और कर्मचारियों के आचारण के संदर्भ में मानक तय करेंगे. मसौदा आदेश पर 30 दिनों के भीतर (अधिसूचना की तारीख से) प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिये 31 दिसंबर को अधिसूचित किया गया था.
Posted By : Vishwat Sen
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