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Explainer : होटलों और रेस्टूरेंटों से टमाटर की छुट्टी, बर्गर से पलायन

बर्गर और खाने का अन्य सामान बेचने वाली कंपनी बर्गर किंग ने टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच अपने खाने में इस सब्जी का इस्तेमाल बंद कर दिया है. इसके साथ ही वह रेस्टूरेंट चलाने वाली मैकडॉनल्ड्स और सबवे जैसी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है.

नई दिल्ली : भारत में टमाटर की बढ़ती कीमतों से होटलों और रेस्टूरेंटों के लजीज व्यंजनों जायका खराब हो गया है. आलम यह है कि शहरी क्षेत्रों में आम आदमी के बीच प्रचलित बर्गर से टमाटर गायब हो गया है. देश में करीब 400 से अधिक रेस्टूरेंट्स का संचालन करने वाले बर्गर किंग ने टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच खाने में इस सब्जी का इस्तेमाल बंद कर दिया है. इतना ही नहीं, इससे पहले मैकडॉनल्ड्स और सबवे जैसी कंपनियों ने भी अपने व्यंजनों से टमाटर की छुट्टी कर दी है. सबसे बड़ी बात यह है कि टमाटर की बेकाबू हुई कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार को नेपाल से टमाटर का आयात करना पड़ रहा है. खबर है कि सरकार की ओर से निर्देश मिलने के बाद भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) ने नेपाल से करीब 10 टन टमाटर का आयात किया है, जिसकी अंतिम खेप बुधवार की देर रात उत्तर प्रदेश के कई शहरी इलाकों में भेजी गई है, ताकि आज गुरुवार को मोबाइल वैन के जरिए नेपाल से मंगाए गए टमाटर को 50 रुपये प्रति किलो की दर से उपभोक्ताओं के बीच बेचा जा सके.

बर्गर किंग ने टमाटर का इस्तेमाल किया बंद

चौंकाने वाली बात यह है कि बर्गर और खाने का अन्य सामान बेचने वाली कंपनी बर्गर किंग ने टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच अपने खाने में इस सब्जी का इस्तेमाल बंद कर दिया है. इसके साथ ही वह रेस्टूरेंट चलाने वाली मैकडॉनल्ड्स और सबवे जैसी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है. ‘रेस्टूरेन्ट ब्रांड्स एशिया’ की ओर से भारत में करीब 400 रेस्टूरेंट का संचालन करने वाली बर्गर किंग ने अपनी वेबसाइट पर एक मैसेज में अपने भोजन से टमाटर हटाने के कारणों के रूप में ‘गुणवत्ता’ और ‘आपूर्ति’ जैसी समस्या का हवाला दिया है.

भोजन में टमाटर शामिल करने में हैं असमर्थ

बर्गर किंग के मैसेज में कहा गया है कि रेस्टूरेंट ब्रांड्स एशिया लिमिटेड में गुणवत्ता के बहुत ऊंचे मानक हैं, क्योंकि हम वास्तविक और प्रामाणिक भोजन परोसने में विश्वास करते हैं. टमाटर की फसल की गुणवत्ता और आपूर्ति के संदर्भ में अनश्चितता रहने के कारण, हम अपने भोजन में टमाटर शामिल करने में असमर्थ हैं. निश्चिंत रहें, हम जल्द ही टमाटर लेकर वापस आएंगे. कंपनी ने ग्राहकों से इस स्थिति के लिए ‘धैर्य’ बनाए रखने का अनुरोध किया है.

टमाटर को भी छुट्टी की जरूरत है

कुछ बर्गर किंग इंडिया सप्लाई सेंटर्स ने कथित तौर पर कुछ हास्य के साथ एक नोटिस लगाया है, जिसमें कहा गया है, ‘‘यहां तक कि टमाटर को भी छुट्टी की जरूरत है… हम अपने भोजन में टमाटर शामिल करने में असमर्थ हैं.

खुदरा बाजार में टमाटर 200 रुपये किलो

भारी बारिश के कारण आपूर्ति बाधित होने के बीच देश के कुछ हिस्सों में टमाटर की खुदरा कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. इससे सरकार को पहली बार टमाटर आयात करने पर मजबूर होना पड़ा है. भारत फिलहाल नेपाल से टमाटर आयात कर रहा है. पिछले हफ्ते, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया कि घरेलू बाजार में कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि के बीच भारत ने नेपाल से टमाटर का आयात शुरू कर दिया है.

मैकडॉनल्ड्स और सबवे में टमाटर का इस्तेमाल बंद

जुलाई में फास्ट फूड चेन मैकडॉनल्ड्स ने कहा था कि उसने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की अनुपलब्धता के कारण,देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में अधिकतर दुकानों में अपने खाने के सामान में टमाटर का इस्तेमाल बंद कर दिया है. उसके बाद, सबवे इंडिया ने भी प्रमुख शहरों में बढ़ती कीमतों की स्थिति से निपटने के लिए टमाटर का इस्तेमला बंद करने की सूचना दी थी.

नेपाल से मंगाया जा रहा टमाटर

भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (एनसीसीएफ) ने बुधवार को जानकारी दी है कि नेपाल से आने वाली टमाटर की खेप की उत्तर प्रदेश में बिक्री की जाएगी. एनसीसीएफ ने नेपाल से 10 टन टमाटर के आयात का अनुबंध किया है. एनसीसीएफ आयात के साथ-साथ केंद्र सरकार की ओर से टमाटर की घरेलू खरीद भी कर रही है और उपभोक्ताओं को इसकी बिक्री रियायती दर पर कर रही है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के निर्देश के बाद एनसीसीएफ खुदरा स्तर पर ‘हस्तक्षेप’ कर रही है.

10 टन टमाटर का आयात

एनसीसीएफ की प्रबंध निदेशक एनीस जोसेफ चंद्रा ने कहा कि हमने नेपाल से 10 टन टमाटर आयात का अनुबंध किया है. इसमें से 3-4 टन मंगलवार को उत्तर प्रदेश में वितरित किया गया और करीब पांच टन टमाटर अभी रास्ते में है. इसकी बिक्री गुरुवार को उत्तर प्रदेश में की जाएगी. उन्होंने कहा कि टमाटर जल्दी खराब हो जाता है. इस वजह से देश के अन्य हिस्सों में इसकी बिक्री नहीं की जा सकती है.

मोबाइल वैन से की जा रही टमाटर की बिक्री

एनीस जोसेफ चंद्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आयातित और स्थानीय रूप से खरीदे गए टमाटर को खुदरा दुकानों के साथ-साथ चुनिंदा स्थानों पर मोबाइल वैन के माध्यम से बेचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों से खरीदा गया टमाटर 50 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है.

मंडियों में घरेलू आवक शुरू

नेपाल से टमाटर के आगे आयात के बारे में पूछे जाने पर जोसेफ चंद्रा ने कहा कि नेपाल से आयात सिलसिलेवार तरीके से किया जाएगा, क्योंकि कुछ राज्यों की मंडियों में घरेलू आवक शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में टमाटर की नई फसल की आवक थोक मंडियों में शुरू हो गई है और कीमतें भी कम हो रही हैं.

एनसीसीएफ और नेफेड के जरिए टमाटर बेच रही सरकार

बता दें कि पिछले दो से तीन महीनों के भीतर देश में टमाटर की कीमत में 1400 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में देश के अलग-अलग शहरों में खुदरा बाजारों में टमाटर 140 से 400 रुपये किलो तक भी बिके. ऐसे में टमाटर की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार 14 जुलाई, 2023 से अपनी कई एजेंसियों जैसे एनसीसीएफ और नेफेड के जरिए दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में 70 से 50 रुपये किलो की दर पर टमाटर बेच रही है.

कीमतों में कितनी गिरावट

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, टमाटर की अखिल भारतीय औसत थोक कीमत 15 अगस्त को घटकर 88.22 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई है, जबकि एक महीने पहले यह 97.56 रुपये प्रति किलोग्राम थी. आंकड़ों से पता चलता है कि इसी तरह, टमाटर की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत एक महीने पहले के 118.7 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर अब 107.87 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई है. इस बीच, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में टमाटर की ताजा फसल की आवक थोक मंडियों में शुरू हो गई है, जिससे कीमतें कम हो रही हैं.

जुलाई में सब्जियों की कीमतों में 62.12 फीसदी वृद्धि

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, जुलाई में सब्जियों की कीमतों में 62.12 फीसदी की वृद्धि के कारण थोक मुद्रास्फीति जून में शून्य से 4.12 फीसदी नीचे रही थी. पिछले साल जुलाई में यह 14.07 फीसदी थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 14.25 फीसदी रही, जो जून में 1.32 फीसदी थी.

क्यों महंगा हुआ टमाटर

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के विभिन्न राज्यों में प्री-मानसून की भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में टमाटर की खरीद और इसके परिणामस्वरूप आपूर्ति चेन में रुकावट आई थी. टमाटर की अखिल भारतीय औसत कीमत 23 जुलाई को रिटेल मार्केट में घटकर 116.73 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई और 24 जुलाई से फिर से बढ़ना बढ़ना शुरू हो गई थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 11 अगस्‍त को टमाटर की कीमत 124.43 रुपये प्रति किलो थी.

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सब्जियों की कीमत से बाजार प्रभावित

बार्कलेज के ईएम एशिया (चीन को छोड़कर) आर्थिक अनुसंधान के प्रमुख राहुल बजोरिया ने कहा कि मासिक आधार पर थोक मूल्य सूचकांक में गिरावट की धीमी गति करीब पूरी तरह से सब्जियों की कीमतों के कारण है, जो वास्तव में बढ़ी हैं. मूल रूप से सब्जियों की बढ़ती कीमतों की वजह से बाजार प्रभावित हो रहा है. सब्जियों के अलावा, अनाज तथा दालों में वृद्धि देखी गई, जहां मुद्रास्फीति क्रमशः 8.31 फीसदी और 9.59 फीसदी रही.

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आरबीआई ने रेपो रेट को रखा अपरिवर्तित

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ती खुदरा महंगाई को काबू में रखने के साथ अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से पिछले सप्ताह लगातार तीसरी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा था. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि मुद्रास्फीति को लेकर अभी काम खत्म नहीं हुआ है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य वस्तुओं, ऊर्जा के दाम में उतार-चढ़ाव तथा भू-राजनीतिक तनाव बने रहने तथा मौसम संबंधित अनिश्चितताओं के कारण मुद्रास्फीति को लेकर जोखिम बना हुआ है.

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