Tomato Price: कीमतों की वजह से आम आदमी को रुलाने वाला टमाटर एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार वह कीमतों की वजह से चर्चा में नहीं है, बल्कि उत्पादन और आपूर्ति बढ़ने पर दाम गिरने की वजह से है. आज हालत यह है कि इसे पैदा करने वाले किसानों को उत्पादन लागत तक का भी भाव नहीं मिल रहा है. देश के कई हिस्सों से ऐसी खबर भी आ रही है कि उचित भाव नहीं मिलने की वजह से किसान ने कई टमाटर को टैक्टर से रौंद डाला. खुदरा सब्जी मंडियों में इसका भाव 5 से 10 रुपये तक पहुंच गया है, जो कभी 200 रुपये किलो तक था.
बाजार में 5 रुपये किलो बिक रहा टमाटर
नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट आने से देश के कुछ क्षेत्रों में टमाटर की कीमतें 5 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र के पुणे के सब्जी बाजार में टमाटर की कीमतें 5 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. इस गिरावट का मुख्य कारण टमाटर की अधिक आपूर्ति और मांग में कमी है, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. कई किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.
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टमाटर उत्पादक किसानों को हो रहा घाटा
मीडिया की रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि टमाटर की कीमतें कई राज्यों में 5 रुपये प्रति किलो तक गिर गई हैं. प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में उत्पादन बढ़ा है, जिससे बाजार में आपूर्ति अधिक हो गई है. किसानों को टमाटर के लिए 1-2 रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा है. खेती की लागत (बीज, पानी, श्रम) की तुलना में यह कीमतें बेहद कम हैं, जिससे किसानों को घाटा हो रहा है.
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किसानों को मिल रहा 60 रुपये किलो दाम
मनी कंट्रोल ने रिपोर्ट दी है कि मध्य प्रदेश के सागर में टमाटर पैदा करने वाले किसानों को एक क्रेट टमाटर की कीमत केवल 30 रुपये ही मिल रही है. एक क्रेट में करीब 40 किलो टमाटर होता है. इस लिहाज से देखा जाए, टमाटर के किसानों को एक किलो टमाटर का भाव 60 पैसे से लेकर 1 रुपये ही मिल रहा है. किसानों का कहना है कि टमाटर की फसल एक एकड़ रकबे में उगाने में उन्हें करीब दो लाख रुपये तक की लागत लगी है. ऐसी स्थिति में उचित दाम नहीं मिलने पर उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है.
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