नयी दिल्ली : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (Central trade unions) में से 10 ने मंगलवार को कहा कि वे 26 नवंबर को अपनी राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल (Nationwide general strike) की घोषणा पर कायम हैं और साथ ही, अगले हफ्ते होने वाले किसानों के दो दिन के विरोध-प्रदर्शन को भी समर्थन देंगी. इस संबंध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और विभिन्न उद्योगों के स्वतंत्र मजदूर संघों ने 16 नवंबर 2020 को एक वर्चुअल बैठक भी की.
संयुक्त मंच ने एक बयान में कहा कि यूनियनों को 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल के लिए श्रमिकों का जबरदस्त समर्थन मिला है. इस अभियान में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), हिंद मजदूर सभा (HMS), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC), सेल्फ-एंप्यॉलयड वीमेंस एसोसिएशंस (SEWA), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU), लेबर प्रोगरेसिव फेडरेशन (LPF) और युनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC) शामिल हैं.
बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की ‘जन-विरोधी, श्रमिक-विरोधी, राष्ट्र-विरोधी और घातक नीतियों’ के खिलाफ यह आम हड़ताल बुलाई गई है. इसके अलावा, केंद्रीय श्रम संगठनों ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के विरोध प्रदर्शन को भी अपना समर्थन दिया है.
किसान हाल ही में संसद से पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. वहीं बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 रद्द करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्युत इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) ने भी 26 नवंबर को बिजली इंजीनियरों की हड़ताल की घोषणा की है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के कृषि बिल के विरोध में पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों के किसान आंदोलनरत हैं. इस दौरान किसानों ने बिल के विरोध में रेल की पटरियों पर धरना-प्रदर्शन भी आयोजित किया, जिसकी वजह से भारतीय रेलवे को ट्रेनों के परिचालन में परेशानियों का सामना करना पड़ा.
Also Read: ‘नया कानून कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं’- किसान बिल पर विरोध के बीच बोले पीएम मोदी
Posted By : Vishwat Sen
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.