संचार ऐप्स को रेगुलेट करने के लिए गाइडलाइंस की जरूरत नहीं है: ट्राई

देश में की दूरसंचार नियामक एजेंसी ट्राई (TRAI) ने स्पष्ट किया है कि संचार एप्स क लिए किसी तरह के कोई कानून की जरूरत नहीं है. ट्राई ने कहा है कि व्हाट्सएप, फेसबुक मैसेंजर, एप्पल, फेसटाइम, गूगल चैट, स्काइप, टेलीग्राम जैसे ऐप्स के लिए किसी प्रकार के नियामक की जरूरत नहीं है. इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट टीम्स, सिस्को वेक्स, और जूम जैसे नये प्लेयर्स को भी इससे छूट मिलेगी. ट्राई ने कहा कि इन ऐप्स के लिए कोई विशेष कानून का आवश्यकता नहीं है क्योंकि ये ऐप्स किसी यूजर को क़ॉल या मैसेज करने के लिए बाध्य नहीं करते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2020 2:01 PM
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देश में की दूरसंचार नियामक एजेंसी ट्राई ने स्पष्ट किया है कि संचार एप्स क लिए किसी तरह के कोई कानून की जरूरत नहीं है. ट्राई ने कहा है कि व्हाट्सएप, फेसबुक मैसेंजर, एप्पल, फेसटाइम, गूगल चैट, स्काइप, टेलीग्राम जैसे ऐप्स के लिए किसी प्रकार के नियामक की जरूरत नहीं है. इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट टीम्स, सिस्को वेक्स, और जूम जैसे नये प्लेयर्स को भी इससे छूट मिलेगी. ट्राई ने कहा कि इन ऐप्स के लिए कोई विशेष कानून का आवश्यकता नहीं है क्योंकि ये ऐप्स किसी यूजर को क़ॉल या मैसेज करने के लिए बाध्य नहीं करते हैं.

ट्राई के इस बयान से दूरसंचार कंपनियों को झटका लगा है जो ओटीटी संचार सेवा प्रदताओं के लिये समान नियम की लंबे समय से वकालत करते आ रहे हैं. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने ओटीटी संचार सेवाओं के लिये नियामकीय व्यवस्था के मामले में अपना विचार रखते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीजें और स्पष्ट होने खासकर आईटीयू (अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ) के अध्ययन के बाद मामले पर गौर किया जा सकता है. आईटीयू इस ओटीटी सेवाओं को लेकर व्यापक अध्ययन कर रहा है.

ट्राई के इस रुख से ओटीटी सेवा प्रदाताओं को राहत मिली है. दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा कि उसे उम्मीद थी कि ट्राई उनकी मांगों पर गौर करेगा और जो बाजार विसंगतियां लंबे समय से चली आ रही हैं, उसे दूर करेगा. सीओएआई ने कहा कि इन मुद्दों के समाधान के बिना दूरंसचार सेवा प्रदाता ओटी सेवा देने वाली कंपनियों के मुकाबले नुकसान की स्थिति में रहेंगे.

ओटीटी सेवा प्रदाता दूरसंचार कंपनियों की तरह कड़े नियामकीय/लाइसेंस व्यवस्था के दयरे में नहीं आते. ओटीटी सेवाओं में वे अनुप्रयोग और सेवाएं आती हैं, जिनका उपयोग इंटरनेट के जरिये किया जाता है और इसके लिये परिचालक के नेटवर्क का उपयोग होता है. स्काइप, वाइबर, व्हाट्सएप और हाइक कुछ लोकप्रिय और व्यापक स्तर पर उपयोग होने वाली ओटीटी सेवाएं हैं. ट्राई ने यह भी कहा कि ओटीटी सेवाओं से जुड़े निजता और सुरक्षा मुद्दों को लेकर नियामकीय हस्तक्षेप की फिलहाल जरूरत नहीं है.

नियामक ने एक बयान में कहा, ‘‘कानून और नियमों के दायरे से फिलहाल बाहर ओटीटी (ओवर द टॉप) की सेवाओं से संबद्ध विभिन्न पहलुओं के लिये व्यापक नियामकीय व्यवस्था सिफारिश करने के लिये यह उपयुक्त समय नहीं है. ट्राई ने नवंबर 2018 में इस प्रकार की सेवाओं के लिये परिचर्चा पत्र जारी किया था. इस परिचर्चा पत्र के जरिये उसने विभिन्न मुद्दों पर उद्योग से अपने विचार देने को कहा था. नियामक ने कहा है कि बिना कोई नियामकीय हस्तक्षेप के बाजार की शक्तियों (मांग एवं आपूर्ति) को स्थिति का जवाब देने के लिये काम करने की अनुमति दी जा सकती है.

Posted By: Pawan Singh

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